नई दिल्ली: “सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात, मैं उन सम्मानित लेखकों को हार्दिक बधाई देता हूं जिनकी बुद्धिमत्ता और साहित्यिक प्रतिभा ने इन उत्कृष्ट कृतियों को जीवन दिया और भारत की सदियों पुरानी साहित्यिक परंपरा को कायम रखा है.” कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल द्वारा केएलएफ पुस्तक पुरस्कार 2025 के विजेताओं को सम्मानित करते हुए यह बात केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कही. उन्होंने सम्मानित लेखकों के बारे में कहा, ” मैं उन्हें कलाकार और शिल्पकार दोनों मानता हूं- हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक. कोई भी पुरस्कार वास्तव में उनके योगदान की गहराई को नहीं पकड़ सकता है; यह हमारी साहित्यिक विरासत को संरक्षित और समृद्ध करने के लिए उनके समर्पण के प्रति आभार की एक विनम्र अभिव्यक्ति मात्र है.” राजधानी के भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित पुरस्कार समारोह, सांस्कृतिक सम्मान का प्रतीक, दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ शुरू हुआ. केएलएफ के सीईओ और संरक्षक अशोक कुमार बल ने अंतर-सांस्कृतिक साहित्यिक संवाद को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “2025 की पुरस्कार विजेता पुस्तकें केवल साहित्यिक कृतियों से कहीं अधिक हैं- वे बौद्धिक विमर्श को आकार देने वाली आवाजें हैं. जैसे-जैसे केएलएफ आगे बढ़ रहा है, हम इन रचनाओं की नई बातचीत को बढ़ावा देने, विश्वदृष्टि को व्यापक बनाने और दुनिया भर के पाठकों पर अमिट छाप छोड़ने की कल्पना करते हैं.”

केएलएफ के संस्थापक और निदेशक रश्मि रंजन परिदा ने कहा, “केएलएफ पुस्तक पुरस्कार साहित्यिक उत्कृष्टता के एक मानदंड के रूप में विकसित हुए हैं. वे उन आवाजों का जश्न मनाते हैं जो दृष्टिकोणों को चुनौती देती हैं, पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं, और हमारे समाज के बौद्धिक और सांस्कृति  में योगदान करती हैं.” केएलएफ पुस्तक पुरस्कार के तहत अंग्रेजी में सात और हिंदी में पांच श्रेणियों में उत्कृष्ट लेखकों को सम्मानित किया गया. प्रत्येक विजेता को ₹1 लाख का नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र, एक विशिष्ट ट्राफी और एक पारंपरिक शाल प्रदान किया गया.

केएलएफ पुस्तक पुरस्कार 2025 के विजेताओं की पूरी सूची यों है:

अंग्रेजी भाषा के विजेता:

कथेतर: टीपू सुल्तान: द सागा आफ मैसूर’स इंटररेग्नम (1760-1799) – डा विक्रम संपत (पेंग्विन) और द शेरपा ट्रेल: स्टोरीज फ्राम दार्जिलिंग एंड बियान्ड – नंदिनी पुरंदरे और दीपा बलसावर (रोली बुक्स)

कथा: द गर्ल विद द सेवन लाइव्स – विकास स्वरूप (साइमन एंड शूस्टर) और द एन्क्लेव: ए शार्प एंड हिलैरियस पोर्ट्रेट आफ वुमनहुड इन इंडिया – रोहित मनचंदा (हार्पर कोलिन्स)

कविता: आई विल हैव इट हियर – जीत थायिल (हार्पर कॉलिन्स)

बिजनेस: डिजिटल फॉर्च्यून: ए वैल्यू इन्वेस्टर्स गाइड टू द न्यू इकोनामी – स्मराक स्वेन (ब्लूम्सबरी इंडिया)

अनुवाद: टेन डेज आफ द स्ट्राइक: सिलेक्टेड स्टोरीज – संदीपान चट्टोपाध्याय, बांग्ला से अनुवाद अरुणव सिन्हा द्वारा (हार्पर कोलिन्स)

पहली रचना: द मेनी लाइव्स आफ सैयदा एक्स: द स्टोरी आफ एन अननोन इंडियन – नेहा दीक्षित (जगरनाट)

बाल साहित्य: लक्ष्मी पांडा: द स्टोरी आफ नेताजी’ज यंगेस्ट स्पाई – सैवी कर्नेल (वेस्टलैंड)

हिंदी भाषा के विजेता:

कथेतर: ओवर द टाप: ओटीटी का मायाजाल – अनंत विजय (प्रभात प्रकाशन)

कथा: वन्या – मनीषा कुलश्रेष्ठ (राजपाल एंड संस) और किस्साग्राम – प्रभात रंजन (राजपाल एंड संस)

कविता: धर्म वह नाव नहीं – शिरीष कुमार मौर्य (राजकमल प्रकाशन)

अनुवाद: चरु, चीवर और चर्या – अनुवाद- सुजाता शिवेन, मूल ओड़िआ- प्रदीप दास (पेंग्विन)

पहली रचना: चक्का जाम – गौतम चौबे (राजकमल प्रकाशन)

विशेष प्रशस्ति पत्र: गांव से बीस पोस्टकार्ड – शिव बालक मिश्रा (वेस्टलैंड – एका)

अंग्रेजी और हिंदी में 15 पुस्तकों को सम्मानित करने के अलावा केएलएफ पुस्तक पुरस्कार संस्कृत और ओड़िआ में भी चार उत्कृष्ट कृतियों को वार्षिक कलिंग साहित्य महोत्सव के दौरान दिए जाएंगे, जो 21-23 मार्च तक भुवनेश्वर में होगा. कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर कमला कांता दास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. शाम को अशोक कुमार बल की पुस्तक ‘ए वेरियस वर्ल्ड’ का विमोचन और परिचर्चा हुई.