चंबा: भूरि सिंह संग्रहालय चंबा के सम्मेलन कक्ष में कवि गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन किया गया. हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और साहित्यिक परंपराओं को परिचर्चा के केंद्र में रखा गया. कार्यक्रम में वरिष्ठ, नवोदित और बाल कवियों ने अपनी रचनाएं सबके समक्ष रखीं. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहायक आयुक्त उपायुक्त चंबा पृथी पाल सिंह, जिला राजस्व अधिकारी, विक्रम सिंह, जिला पर्यटन विकास अधिकारी राजीव मिश्रा, जिला भाषा अधिकारी तुकेश शर्मा ने भी विशेष उपस्थिति दर्ज कराई. कवि सम्मेलन के दौरान हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर और समाज के विकास में साहित्य के योगदान पर विशेष परिचर्चा आयोजित की गई. इस आयोजन में साहित्य प्रेमियों को न केवल एक मंच प्रदान किया, बल्कि हिमाचल की संस्कृति के विविध आयामों को समझने और संरक्षित करने का संदेश भी दिया. कवि गोष्ठी ने साहित्य के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक संदेश पहुंचाने का प्रयास किया. कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने हिमाचल की सांस्कृतिक समृद्धि, प्रकृति की सुंदरता और साहित्य के सामाजिक महत्त्व पर अपने विचार साझा किए.
इस अवसर पर कई युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिला, जिससे आने वाली पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जुड़ने की प्रेरणा मिली. कवियों ने मानवीय संबंधों, समाज के ताने-बाने, उलझते रिश्तों और प्रकृति के विविध पहलुओं पर आधारित रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस आयोजन में करुण कुमार, हुगत राम, खेमराज खन्ना, कृष्णा अग्निहोत्री, हर्षिता अग्निहोत्री, दिव्यांशी ठाकुर, उपासना पुष्प, शाम अजनबी, किरण कुमार वशिष्ठ, अर्जुन नेगी, दिनेश ठाकुर, अनूप आर्या, एमआर भाटिया, विमला देवी, अनीश मिर्जा, रामानंद ठाकुर, अजय यादव, भूपेंद्र सिंह जसरोटिया, सुभाष साहिल, हिमानी, मोनिका सिंह, शालनी, गौरव, हेतुल, अभिषेक, विप्लव सिंह और मालविका आदि ने भाग लिया. इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों और साहित्यकारों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे चंबा जिले की सांस्कृतिक समृद्धि का एक अनोखा प्रतीक बताया. कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और सामूहिक राष्ट्रगान के साथ हुआ.