नई दिल्ली: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय अपने अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘भारत रंग महोत्सव’ का 25वां साल पूरा कर रहा है. ‘भारंगम’ के नाम से लोकप्रिय यह महोत्सव दुनिया का सबसे बड़ा थिएटर उत्सव है, जो इस बार 28 जनवरी से 16 फरवरी तक भारत, नेपाल और श्रीलंका के 13 शहरों में अपनी रंगत बिखेरेगा. एनएसडी ‘वसुधैव कुटुम्बकम, वंदे भारंगम’ की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से इस महोत्सव की पहुंच को और व्यापक बना रहा है. ‘एक रंग: श्रेष्ठ रंग’ की रचनात्मक अभिव्यक्ति के साथ विद्यालय ने प्रसिद्ध अभिनेता और अपने पूर्व छात्र राजपाल यादव को इस वर्ष के लिए ‘रंग दूत’ यानी महोत्सव राजदूत के रूप में चुना है. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी के शब्दों में, “भारत रंग महोत्सव अपनी व्यापक दृष्टि के साथ विश्व मंच पर एक अग्रणी रंगमंच महोत्सव के रूप में उभरा है. इसने न केवल दुनिया भर के नाट्य प्रदर्शनों को एक मंच प्रदान किया है, बल्कि विविध पारंपरिक कलाओं के संमिश्रण को भी प्रोत्साहित किया है. इसके साथ ही, इस महोत्सव ने नाट्य कला और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों के लोगों के बीच ज्ञान व विचारों के आदान-प्रदान को सुगम बनाया है.”

‘भारत रंग महोत्सव’ में 20 दिनों के दौरान 9 अलग-अलग देशों की 200 से ज्यादा प्रस्तुतियां दिखाई जाएंगी, जिन्हें भारत और विदेशों में 13 स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा. इस महोत्सव में भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समूह रूस, इटली, जर्मनी, नार्वे, चेक गणराज्य, नेपाल, ताइवान, स्पेन और श्रीलंका देशों से जुड़े हैं. पहली बार भारत रंग महोत्सव नेपाल और श्रीलंका में भी इसके उप-अध्याय आयोजित किए जाएंगे. भारत में दिल्ली में मुख्य आयोजन के अलावा अगरतला, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भटिंडा, भोपाल, गोवा, गोरखपुर, जयपुर, खैरागढ़ और रांची जैसे शहरों में भी यह महोत्सव अपनी रंगत बिखेरेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ‘एनएसडी’ ने ‘विश्व जन रंग’ नामक एक नई पहल की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत, दुनिया भर के सात महाद्वीपों में रहने वाले भारतीय और भारत के युवा कलाकार लघु नाटकों का आनलाइन प्रदर्शन करेंगे. यह पहल 2024 में ‘जन भारत रंग’ परियोजना की सफलता से प्रेरित है, जिसने ‘एक समान विषय पर कलात्मक प्रदर्शनों की सबसे बड़ी संख्या’ के लिए वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स, लंदन का प्रमाण पत्र हासिल किया था. एनएसडी को विश्वास है कि ‘विश्व जन रंग’ और महोत्सव के व्यापक स्वरूप के कारण, इस वर्ष भारत रंग महोत्सव ‘सबसे बड़े रंगमंच महोत्सव’ के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करा पाएगा.