नई दिल्ली: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के भारत रंग महोत्सव की मनोरंजक प्रस्तुतियां तेजी से युवाओं को रंगमंच की ओर आकर्षित कर रहीं. छात्र-नेतृत्व वाले अद्वितीय खंड में स्ट्रीट प्ले और ओपन स्टेज प्रदर्शन संपन्न हुए. पुरस्कार विजेता अभिनेता अदिल हुसैन आज के विशेष अतिथि रहे. उन्होंने प्रसिद्ध टीवी शो ‘गुफ्तगू’ के होस्ट सैयद मोहम्मद इरफान के साथ एक दिलचस्प संवाद में भाग लिया. ‘चेतना’ ने ‘महात्मा बनाम गांधी’ का मंचन किया. यह नाटक महात्मा गांधी और उनके बड़े बेटे हरिलाल के बीच के दुखद मतभेद को दर्शाता है. हरिलाल की पहचान, महत्त्वाकांक्षा और अपने पिता के आदर्शों के प्रति विद्रोह ने उन्हें मोहभंग और निराशा भरे जीवन की ओर धकेल दिया. इस नाटक को अजीत डालवी ने लिखा है, अरुण मुखर्जी ने निर्देशित किया है और इसे श्रीराम सेंटर में प्रस्तुत किया गया. जम्मू और कश्मीर के समूह थिएटर ने प्राचीन ग्रीक नाटककार यूरिपिडीज के प्रसिद्ध नाटक ‘बैकी ‘ का एक शानदार मंचन किया. यह नाटक देवता डायोनिसस की बदले की उस यात्रा को दर्शाता है, जिसमें वह अपनी दिव्यता को नकारने वाले थीब्स राज्य से बदला लेता है. इस प्रक्रिया में, राजा पेंथियस का विनाशकारी पतन होता है-वह छलपूर्वक अपमानित किया जाता है और अंततः अपनी ही मां के हाथों मारा जाता है. रविंदर शर्मा द्वारा रूपांतरित और निर्देशित यह नाटक लिटिल थिएटर ग्रुप आडिटोरियम में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया.
‘लोकरंगम’ खंड के तहत हुडको के सहयोग से अंगिका कुदियट्टा कला मंच केरल ने ‘सूरपनाखांकम’ नामक एक उत्कृष्ट कुडियाट्टम प्रस्तुति दी. यह प्रस्तुति श्रीराम और सीता के पंचवटी प्रवास के दौरान घटित घटनाओं को दर्शाती है, जब सूरपनखा का प्रणय निवेदन ठुकरा दिया जाता है. अपमानित होकर वह राक्षसी रूप धारण करती है और लक्ष्मण के अपहरण की नाटकीय घटना को अंजाम देती है, जिससे रामायण की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी की शुरुआत होती है. शक्तिभद्रन द्वारा लिखित और कलामंडलम संगीथ चक्यार द्वारा निर्देशित इस प्रस्तुति ने एनएसडी ओपन एयर स्टेज पर दर्शकों का मन मोह लिया. एस्से एन्सेंबल महाराष्ट्र ने ‘हमसफर’ नामक एक दिल को छू लेने वाले नाटक का मंचन किया. यह नाटक प्रेम, तलाक और छूटे हुए अवसरों के जटिल सफर से गुजरते एक अलग हो चुके दंपति की कहानी कहता है. गुलज़ार की कविता से समृद्ध यह नाटक भावनाओं, रिश्तों और शहरी एकाकीपन की एक कड़वी-मीठी कहानी बुनता है. जावेद सिद्दीकी द्वारा लिखित और सलीम आरिफ द्वारा निर्देशित इस नाटक में हर्ष छाया और लुबना सलीम ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं और कमानी आडिटोरियम में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. एनएसडी के 2024 के स्नातक छात्रों ने ‘गैसलाइट’ का मंचन किया. यह नाटक पैट्रिक हैमिल्टन द्वारा लिखित है और 19वीं सदी के लंदन की पृष्ठभूमि में आधारित एक रोमांचक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर है. कहानी बेला मैनिंगहैम के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पति के छल और मानसिक उत्पीड़न से जूझती है, जब तक कि एक जासूस उसकी समझ और आत्मनिर्णय को पुनः प्रप्त करने में मदद नहीं करता. इस नाटक का निर्देशन शेखर कनवट ने किया और इसका मंचन अभिमंच में हुआ.
सभी प्रस्तुतियों के बाद दर्शकों को ‘मीट द डायरेक्टर’ खंड में निर्देशक, कलाकारों और तकनीकी दल के साथ खुली बातचीत करने का अवसर मिला, जहाँ उन्होंने प्रोडक्शन प्रक्रिया और नाटक से जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. भारत रंग महोत्सव के 14वें दिन चार मनोरंजक प्रस्तुतियां के साथ ओपन स्टेज ने भी अपने पर्दे गिराए. गरिमा चौधरी ने एक सुंदर नृत्य प्रस्तुति दी, सिद्धार्थ समीर सिंह और वैभव बहल ने अपनी कविताओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, और टीम निर्बाक ने एक प्रभावशाली माइम एक्ट प्रस्तुत किया जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया. ‘अद्वितीय’ खंड के एक विशेष सत्र में, प्रसिद्ध अभिनेता और एनएसडी एलुमनाई अदिल हुसैन लोकप्रिय टीवी होस्ट सैयद मोहम्मद इरफान के साथ ‘गोलपाड़ा गांव का एक लड़का’ कार्यक्रम में मुख़ातिब हुए. इस दौरान हुसैन ने अपने बचपन के दिनों, जीवन यात्रा और एनएसडी से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया, जिससे दर्शकों को उनके जीवन और कला के बारे में एक नई जानकारी मिली. साहित्यिक खंड ‘श्रुति’ के तहत, एनएसडी की त्रैमासिक पत्रिका ‘रंग प्रसंग’ के 57वें अंक का विमोचन और चर्चा आयोजित की गई. इस अवसर पर पत्रकार और रंगमंच समीक्षक अनिल गोयल ने नाटककार एवं कवि प्रताप सहगल के साथ संवाद किया.