नई दिल्ली: देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के रूप में स्थापित ‘पद्म’ अलंकरण की घोषणा में केंद्र सरकार ने शिक्षा और साहित्य को काफी महत्त्व दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वर्ष 2025 के लिए जिन 139 शख्सियतों को पद्म सम्मान प्रदान करने को मंजूरी दी उनमें 23 महिलाओं के अलावा विदेशी, एनआरआई, पीआईओ या ओसीआई के रूप में वर्गीकृत श्रेणी के 10 व्यक्ति भी शामिल हैं. 13 व्यक्तित्वों को मरणोपरांत इस सम्मान की घोषणा की गई. इस वर्ष साहित्य और शिक्षा श्रेणी के तहत कुल 30 शख्सियतों को अलंकरण के लिए चुना गया. शिक्षा श्रेणी के तहत केरल के एमटी वासुदेवन नायर को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से एमटी कहकर पुकारते थे. कला के क्षेत्र से प्रख्यात लोकगायिका शारदा सिन्हा इस सूची में शामिल हैं. साहित्य और शिक्षा श्रेणी के तहत पद्म भूषण अलंकरण के लिए सम्मानित होने वालों की सूची में लेखक बिबेक देबराय, ए सूर्य प्रकाश और पत्रकार रामबहादुर राय शामिल हैं. कला- सिनेमा के क्षेत्र से शेखर कपूर और पंकज उधास के नाम भी उल्लेखनीय हैं.

पद्मश्री अलंकरण के लिए साहित्य और शिक्षा श्रेणी के अंतर्गत जिन लोगों को यह सम्मान दिया जाएगा, उनमें 101 वर्ष के हिंदी के वयोवृद्ध लेखक-कवि रामदरश मिश्रा का नाम सबसे उल्लेखनीय है. हिंदी साहित्य जगत ने इसे देर से ही सही, मिश्र की प्रतिभा की पहचान के रूप में देखा है. उनके अलावा इस सूची में अनिल कुमार बोरो, अरुणोदय साहा, अरविंद शर्मा, चंद्रकांत शेठ, डेविड आर सियेमलीह, गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, गीता उपाध्याय, हृदय नारायण दीक्षित, देवभूमि उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्य व शिक्षा लेखक ह्यूग और कोलीन गैंट्ज़र, जगदीश जोशीला, केएल कृष्णा, लक्ष्मीपति रामसुब्बैयर, ललित कुमार मंगोत्रा, मारुति भुजंगराव चितमपल्ली, नागेंद्र नाथ राय, नितिन नोहरिया, ओड़िआ लेखिका प्रतिभा सत्पथी, रेंथले लालरावण, संत राम देसवाल, सीनी विश्वनाथन, शायर शीन काफ निजाम, स्टीफन नैप, सैयद ऐनुल हसन, तुषार दुर्गेशभाई शुक्ला और वदिराज राघवेंद्राचार्य पंचमुखी शामिल हैं.