जितेन्द्र पाण्डेय l जागरण गोरखपुर : गायक से नायक और नायक से नेता बने सांसद मनोज तिवारी से बातचीत का सत्र पूरी तरह रोमांच से भरा रहा। भोजपुरी के विकास, भोजपुरी सिनेमा को लेकर उन्होंने ढेर सारी बातें कीं। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में दैनिक जागरण की तरफ से आयोजित संवादी गोरखपुर के दूसरे दिन पांचवें सत्र में उन्होंने बताया कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने में कहां अड़चन आ रही है। भोजपुरी के विकास के लिए प्रदेश सरकार क्या प्रयास कर रही है और हमारी तरफ से क्या प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तो इस बात की प्रतिबद्धता होती जा रही है, जो गायक है, वही नायक बन सकता है। इससे अच्छे कलाकार सामने नहीं आ पा रहे हैं। वह 2025 में खुद ही फिल्म प्रोड्यूस करेंगे। उसमें इन कमियों को दूर करने की कोशिश करेंगे। मनोज तिवारी ने संचालक के सवालों का भोजपुरी में जवाब देते हुए कहा कि भोजपुरी सिर्फ मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुआ, पवन सिंह से नाहीं चली। ये खातिर घर-घर से प्रयास होखे। बातचीत के दौरान संचालक निराला ने मनोज तिवारी से पूछा कि भोजपुरी को अब तक आठवीं अनुसूची में क्यों नहीं शामिल किया जा सका। इसका डिग्रेशन क्यों हो रहा है। सांसद मनोज तिवारी ने जवाब देते हुए कहा कि भोजपुरी की शुरुआत मनोज तिवारी से नाही, बल्कि आदिकाल से हय। भोजपुरी की अच्छी यात्रा शुरू हुई डा.राजेन्द्र प्रसाद के माध्यम से। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें जब हिंदी सिनेमा के लोगों ने मुंबई बुलाया। उन्होंने कहा कि कोई भोजपुरी सिनेमा भी बना सकता है क्या? इसके बाद विश्वनाथ साहबादी ने गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो बनाई। उसके बाद बलम परदेसिया, लागी नाही छूटे रामा जैसी कई फिल्में आईं। डा.राजेन्द्र प्रसाद को हमें भोजपुरी के इतिहास में जिंदा रखना चाहिए। हमें सुधाकर पाण्डेय को याद करना होगा, जिसने ससुरा बड़ा पइसा वाला बनाया। इस संवादी में अजय सिन्हा को याद करना पड़ेगा। गोरखनाथ मंदिर में उनकी पहली फिल्म की शूटिंग हुई। उन्होंने कहा कि यूपी-बिहार के 23 जिले भोजपुरी के लिए बेहद उर्वर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की और कहा कि वह भोजपुरी सिनेमा के लिए बड़ा अनुदान दे रहे हैं। उन्होंने जनता से सवाल किया कि कितनी पत्र-पत्रिकाएं भोजपुरी में आ रही हैं। अखबारों में कितनी जगह भोजपुरी को मिल रही है। जागरण ने इस कार्यक्रम के माध्यम से भोजपुरी को मंच दिया है तो वह बधाई का पात्र है। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोक गायक राकेश उपाध्याय, उद्यमी रमाशंकर शुक्ल का मंच से नाम लेकर उन्होंने आभास कराया कि उनका गोरखपुर से कितना गहरा जुड़ाव है। कार्यक्रम के दौरान सुधीर मिश्रा, शिवेंद्र पाण्डेय, डा.अभिषेक शुक्ला, हरी प्रसाद सिंह सहित तमाम लोगों ने उनसे सवाल भी पूछा। उन्होंने बताया कि वह भोजपुरी के उत्थान के लिए शुरू से ही प्रयासरत थे। यहां तक ससुरा बड़ा पइसा वाला के लिए जब रुपये घटने लगे तो उन्होंने अपने पास से आठ लाख रुपये लगाए थे।

भोजपुरी के नाम पर फूहड़ता पराेसे तो दर्ज कराएं मुकदमा

मनोज तिवारी ने कहा भोजपुरी देव भाषा है। इसके नाम पर कोई फूहड़ता परोसे तो मुकदमा दर्ज कराइए। उन्होंने कहा कि भोजपुरी सिनेमा के लिए योगी सरकार की नीति देश में सबसे बेहतर है। वह नोएडा में फिल्म सिटी बनवा रहे हैं। यह भोजपुरी सिनेमा के लिए अमृत समान होगा। हमें गर्व करना चाहिए मुख्य मंत्री योगी पर, प्रधानमंत्री मोदी पर। उन्होंने कहा कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए वह और सांसद रविकिशन शुक्ल प्रयासरत हैं। साल भर के भीतर यह शामिल भी हो जाएगी। इस दौरान उन्होंने भोजपुरी के कई गाने सुनाकर माइक को दीर्घा की ओर कर दिया और दर्शक भी उसे गुनगुनाने लगे। उन्होंने बताया कि यह भोजपुरी का असर है। उन्होंने पंचायत वेब सीरीज का अपना गाना ए राजा जी… गाकर बताया कि यह गाना माइकल जैक्शन की टीम गा रही है।

कौन हैं राकेश उपाध्याय

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक पुरस्कार से सम्मानित राकेश उपाध्याय वर्तमान में उप्र संतकबीर अकादमी के सदस्य हैं। वह इन दिनों गोरखपुर विश्वविद्यालय में संस्कृति विभाग और गोवि के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थियों को लोकगायन की शिक्षा दे रहे हैं। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के इंपैनल कलाकार के रूप में वह पांच अन्य देशों में प्रस्तुति दे चुके हैं।