नई दिल्ली: इंदौर के होल्कर स्टेडियम के डा भार्गव हाल में सुशील दोशी की पुस्तक ‘द आर्ट एंड साइंस आफ क्रिकेट कमेंट्री‘ का विमोचन शिक्षाविद और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे और क्रिकेटर तथा कोच चंद्रकांत पंडित ने किया. इस अवसर पर पंडित ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि लेखक सुशील दोशी 50 से अधिक वर्षों से लिख रहे हैं. क्रिकेट के प्रति ललक जगाने में उनकी अहम भूमिका है. इंदौर शहर ने देश को अनेक क्रिकेटर भी दिए हैं. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर मराठे ने कहा कि यह पुस्तक क्रिकेट कमेंट्री के विभिन्न पहलुओं पर है. ऐसे समय में जब क्रिकेट कमेंट्री में रोजगार के अवसर उभर रहे हैं. यह पुस्तक संदर्भ पुस्तक के रूप में उपयोगी होगी. क्रिकेट कमेंट्री में आनलाइन पाठ्यक्रम भी आरंभ होना चाहिए, जिससे इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं को अवसर मिले.
इस अवसर पर लेखक सुशील दोशी ने कहा कि पूरी दुनिया में यह पहली ऐसी किताब है, जो क्रिकेट कमेंट्री पर लिखी गई है. लेखक ने हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास का आभार व्यक्त किया. न्यास द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक ‘द आर्ट एंड साइंस आफ क्रिकेट कमेंट्री‘ क्रिकेट कमेंट्री के बारे में है. पुस्तक बताती है कि क्रिकेट कमेंट्री एक ऐसी कला के रूप में विकसित हुई है, जो श्रोताओं और कमेंटेटरों को जोड़ती है. इस पुस्तक में क्रिकेट कमेंट्री की उत्पत्ति और विकास, कमेंटेटर के बुनियादी गुण, कमेंट्री की तैयारी, भाषा, शब्दावली और शैली, तकनीकी ज्ञान और क्रिकेट कमेंटेटर कैसे बनें जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है. इस अवसर पर बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले; एमपीसीए के सचिव संजीव राव; इंदौर के संभागायुक्त दीपक सिंह और इंदौर के अनेक लेखक, साहित्यकार, क्रिकेटर उपस्थित थे. इस अवसर पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी.