भोपाल: भोपाल में राजा भोज की कलाओं और साहित्य पर आधारित रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा. इस आशय की घोषणा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने की. उन्होंने कहा है कि परमार वंशीय राजा भोज स्वयं बहुत बड़े विद्वान थे. कहा जाता है कि उन्होंने धर्मखगोल विद्याकलाकोश-रचनाभवन-निर्माणकाव्यऔषध-शास्त्र आदि विभिन्न विषयों पर पुस्तकें लिखी हैंजो अब भी विद्यमान हैं. भोज रचित 84 ग्रंथों में दुनिया में केवल 21 ग्रंथ ही शेष है. भोज बहुत बड़े वीरप्रतापीऔर गुणग्राही थे. वे बहुत अच्छे कविदार्शनिक और ज्योतिषी थे. मुख्यमंत्री डा यादव ने मंत्रालय में मध्य प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के संचालक मंडल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इसीलिए भोपाल में राजा भोज की कलाओं और साहित्य पर आधारित रिसर्च सेंटर या म्यूजियम बनाने की योजना पर कार्य करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने पर्यटन बोर्ड की संरचनादायित्वोंनिवेश संवर्धन की नीतियोंप्रचार-प्रसार और पर्यटन विकास कार्यों की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि पर्यटन बोर्ड को प्रदेश के पारम्परिक भव्य मेलों और यात्राओं जैसे भगोरिया उत्सव एवं महाकाल की सवारी आदि का प्रभावी माध्यम से प्रचार करना चाहिए. इसके लिए आधुनिक प्रचार-प्रसार के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजाने वाले स्थानीय कलाकारों और पारंपरिक नृत्य दलों को जोड़कर प्रोत्साहित करना चाहिए. इससे स्थानीय कला और पारम्परिक नृत्यों का भी प्रचार-प्रसार होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा के लिए जिन मार्गों पर यात्रियों की बुकिंग अधिक आ रही हैवहां उड़ानों की संख्या बढ़ाएं. अधिक बैठक क्षमता वाले एयरक्राफ्ट संचालित करें. धार्मिक तीर्थ दर्शन योजना में वायु सेवा के मार्ग को शामिल करें. शासन के क्लास-और कार्यपालक अधिकारियों को भी पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा द्वारा आवागमन के लिए पात्रता पर विचार कर प्रस्ताव बनाएं.