रांची: झारखंड साहित्य अकादमी स्थापना संघर्ष समिति ने स्थानीय प्रेस क्लब में एक अलंकरण समारोह का आयोजन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार शंभू बादल ने की. विशिष्ट अतिथि कथाकार राकेश कुमार सिंह थे. इस अवसर पर हिंदी और झारखंडी भाषा में योगदान के लिए कई साहित्यकारों को सम्मानित किया गया. समिति के अध्यक्ष शिरोमणि महतो ने स्वागत वक्तव्य में सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक कदमों के बारे में बताया. कार्यक्रम में गिरिडीह के साहित्यकार नेतलाल यादव के कविता-संग्रह ‘दलदल से उठा आदमी‘, बेरमो के इम्तियाज गदर के कहानी संग्रह ‘प्लाज्मा‘, सुकुमार के खोरठा काव्य-संग्रह ‘नावा डहर‘, बोकारो की सुजाता कुमारी के काव्य संग्रह ‘पोखर का पानी‘, धनबाद के डा मुकुंद रविदास के खोरठा संग्रह ‘कोयला आर माटी‘ का विमोचन किया गया.
इस अवसर पर जिन साहित्यकारों को सम्मानित किया गया उनमें अनीता रश्मि को बिनोद बिहारी स्मृति सम्मान, विनय सौरभ को भारत यायावर स्मृति सम्मान, कालेश्वर को राधाकृष्ण स्मृति सम्मान, अनिल किशोर सहाय को कामरेड महेंद्र प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान, मुकुंद रविदास को रघुनाथ महतो स्मृति सम्मान, वीरेंद्र कुमार महतो को गिरधारी राम गौंझू स्मृति सम्मान, महादेव डंगरियाल को सृष्टिधर महतो स्मृति सम्मान, आलोक कुजूर को सुशीला समद स्मृति सम्मान, सुकुमार को श्रीनिवास पानुरी स्मृति सम्मान से नवाजा गया. कार्यक्रम में पंकज मित्र, राकेश कुमार सिंह एवं शंभू बादल ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए. सुकुमार ने खोरठा गीत ‘मंदार बाजे रे, बांसी बाजे रे‘ कार्यक्रम में पेश किया. धन्यवाद नीरज नीर, मंच संचालक राजीव थेपड़ा ने किया. कार्यक्रम में सुषमा सिन्हा, बिनोद कुमार, सुभाष कुमार यादव, गुलांचो कुमारी, कृष्णा गोप आदि उपस्थित थे.