नई दिल्लीः सर्व भाषा ट्रस्ट ने साहित्य अकादमी सभागार में अपना सालाना जलसा मनाया और देश के 32 साहित्यकारों को हिंदी में प्रकाशित उनकी पहली पुस्तक के लिए 'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान 2018' दिया. कार्यक्रम की शुरुआत युवा ओडिसी नृत्यांगना मेघना बारीक के मंगलाचरण नृत्य से हुआ. इसके बाद पुस्तक लोकार्पण के तहत 'सर्व भाषा' पत्रिका के तीसरे अंक, यशपाल निर्मल की डोगरी पुस्तक 'डोगरी लोक कत्था ते मानवीकरण', मधु त्यागी की पुस्तक 'स्पंदन', शालिनी शर्मा की पुस्तक 'श्रीजीता',  सर्व भाषा ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक लव की व्याकरण की दो पुस्तकों तथा राजीव पाण्डेय की पुस्तक 'शब्दांजलि' का लोकार्पण हुआ.

स्वागत भाषण के साथ ही अध्यक्ष अशोक लव ने सर्व भाषा ट्रस्ट की परिकल्पना और उसकी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की. सचिव रीता मिश्रा व समन्वयक केशव मोहन पाण्डेय ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजीत दुबे ने भाषाओं की महत्ता बताते हुए सर्व भाषा की कार्य-योजनाओं की सराहना की. इस दौरान ओ पी मोहन व अजीत दुबे को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया. विशिष्ट अतिथि डॉ. वेदप्रकाश पाण्डेय, अशोक श्रीवास्तव, सुनील सिन्हा, राजेश भंडारी 'बाबु' आदि को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' दिया गया. कार्यक्रम का संचालन तरुणा पुंडीर, इंदु मिश्र ' किरण', सुरभि मेंदीरत्ता, पूजा कौशिक, मधु त्यागी, श्वेता, आभा जैन आदि ने सुचारू ढंग से किया. इस दौरान 'सर्व भाषा' पत्रिका की ओर से 26 साहित्यकारों को उनके संपादन-सहयोग के लिए 'सर्व भाषा सम्मान 2018' दिया गया. कार्यक्रम में 'सर्व भाषा ट्रस्ट' के सदस्यों को सदस्यता सम्मान-पत्र भी दिया गया.