नई दिल्लीः उर्वरक क्षेत्र की अग्रणी सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड, जो इफको के नाम से देश भर में मशहूर है, ने वर्ष 2019 के 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य' सम्मान के लिए कथाकार महेश कटारे के नाम की घोषणा की है.  कथाकार महेश कटारे का जन्म सन् 1948 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के बिल्हैटी गांव में एक निम्न मध्यवर्गीय किसान-परिवार में हुआ. उन्होंने हिंदी साहित्य में अपने प्रभावी लेखन से अपनी एक अलग पहचान बनाई. कटारे न केवल अपनी रचनाओं में बल्कि वास्तविक जीवन में भी वे खेती-किसानी से गहराई से जुड़े हैं. कहानी संग्रह समर शेष है, इतिकथा अथकथा, मुर्दा स्थगित, पहरुआ, छछिया भर छाछ, सात पान की हमेल, फागुन की मौत, मेरी प्रिय कथाएँ, गौरतलब कहानियां; नाटक महासमर का साक्षी, अँधेरे युगान्त के, पचरंगी, विभाजन; यात्रावृत्तांत पहियों पर रात दिन, देस बिदेस दरवेश; उपन्यास कामिनी काय कांतारे, काली धार, भर्तृहरि, काया के वन में के अलावा समय के साथ-साथ, नजर इधर-उधर आदि उनकी चर्चित प्रकाशित कृतियां हैं. महेश कटारे को मध्य प्रदेश साहित्य परिषद, बिहार राजभाषा परिषद सहित अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है.

याद रहे कि मूर्धन्य कथाशिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में इफको द्वारा वर्ष 2011 में शुरू किया गया यह सम्मान प्रत्येक वर्ष ऐसे हिंदी लेखक को दिया जाता है, जिसकी रचनाओं में मुख्यत: ग्रामीण व कृषि जीवन तथा हाशिए के लोग, विस्थापन आदि से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्षों का चित्रण किया गया हो. महेश कटारे से पहले यह सम्मान विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथिलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ल, कमलाकांत त्रिपाठी, रामदेव धुरंधर और रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है. इस पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा ग्यारह लाख रुपए की राशि का चेक प्रदान किया जाता है. महेश कटारे को यह सम्मान 31 जनवरी, 2020 को नई दिल्ली में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा, महेश कटारे के नाम की घोषणा डॉ विश्वनाथ त्रिपाठी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने की है, जिसमें सदस्य के रूप में डीपी त्रिपाठी, मृदुला गर्ग, प्रो रविभूषण, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, इब्बार रब्बी और दिनेश कुमार शुक्ल शामिल थे.