टिहरी: हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु सभी का सहयोग अपेक्षित है. यह भाषा आने वाली पीढ़ी को सनातन धर्म के बारे में यथोचित जानकारी दे सकती है. यह बात हिंदी साहित्य भारती उत्तराखंड प्रदेश द्वारा आयोजित एक विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री डा रवीन्द्र शुक्ल ने कही. इस अभियान में स्वयं के स्तर से पूर्ण प्रयास करने का आश्वासन देते हुए उन्होंने हिंदी भाषा पर विशेष महत्त्व देने पर बल दिया. इस आयोजन की अध्यक्षता संस्था की अध्यक्ष डा कविता भट्ट ‘शैलपुत्री‘ ने की. अतिथियों ने दीप प्रज्वलित किया. सविता रतूड़ी ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गायन प्रस्तुत किया. राधा मैंदोली ने मातृ वंदना एवं कार्यक्रम में महिला कलाकारों ने उत्तराखंड का प्रसिद्ध मांगल गीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो रामविनय सिंह, संयुक्त महामंत्री, अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हिंदी साहित्य भारती, आशाराम व्यास, घनश्याम नौटियाल, डा प्रदीप भारद्वाज, गजेंद्र कण्डियाल, बेलीराम कन्सवाल और कृष्णा नन्द नौटियाल रहे.
डा कविता भट्ट ‘शैलपुत्री‘ ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया. इस अवसर पर हिंदी साहित्य भारती अंतर्राष्ट्रीय उत्तराखंड के समस्त जनपदों के जिलाध्यक्ष, मंत्री एवं कार्यकारिणी के पदाधिकारी उपस्थित थे. राजेश जोशी, भगत सिंह राणा, नंदन सिंह राणा, सरोज बाला सेमवाल, रामकृष्ण पोखरियाल, सतेन्द्र चौहान, यशोदा मैठाणी एवं विजयलक्ष्मी डबराल, मीना तिवाड़ी, भरत लाल बडोनी, नन्दी बहुगुणा, इंद्रमणि बडोनी, फोंदणी जी, मनोज रमोला एवं अनूप सरीरा, तेजोमहि बघानी, प्रकाशी सेमवाल, मंजू बहुगुणा, सरिता मैन्दोला, राधा मैंदोली, सुनीता बहुगुणा बिशम्बरी भट्ट, प्रियंका भट्ट, रश्मि पैन्यूली, मधुरवादनी तिवारी, पदमलता सेमवाल आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन आचार्य सन्तोष चंद्र व्यास ने किया. अंत में सभी अतिथियों एवं सदस्यों को सम्मान पत्र दिया गया.