रायपुर: ‘साहित्य से न केवल भाषा समृद्ध होती है बल्कि सामाजिक विवेकसांस्कृतिक मूल्यों और मानवता के विकास का मार्ग प्रशस्त होता है. साहित्य हमारे सामूहिक स्वप्न को प्रतिबिंबित करता है. लेखकों को आम आदमीउनके संघर्षों और जन सरोकारों के साथ जुड़ना पड़ेगा.‘ यह बात प्रदेश की साहित्यिक संस्था ‘वक्ता मंच‘ द्वारा स्थानीय गुरु घासीदास अकादमी में रचनाकार सम्मान समारोह के दौरान वक्ताओं ने कही. उन्होंने कहा कि समाज और संस्कृति को गहराई से समझे बिना कोई अच्छा लेखक नहीं बन सकता. इस आयोजन में प्रदेश के 100 रचनाकारों को स्व छत्रसिंह बच्छावत स्मृति साहित्य श्री सम्मान से विभूषित किया गया. इस अवसर पर लेखिका किरणलता वैद्य के बाल साहित्य पर केंद्रित कविता संग्रह ‘मुस्कान‘ और ‘मोनू मंकी‘ का विमोचन भी हुआ. संगीत शिक्षक विनय बोपचे के निर्देशन में बाल कलाकारों ने विमोचित संग्रह की कविताओं पर आधारित गीतों भरी बाल नाटिका का मंचन भी किया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शंकराचार्य विश्वविद्यालय भिलाई के पूर्व कुलपति डा एलएस निगम थे. अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र रावल ने की. विशिष्ट अतिथि की आसंदी पर केपी सक्सेना ‘दूसरे‘, टीके भोईसुरेश शुक्ला और प्रदीप वैद्य मौजूद रहे. कार्यक्रम का संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते और संयोजन शुभम साहू ने किया. समापन समारोह छत्तीसगढ़ कर्मकार मंडल के पूर्व अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल के आतिथ्य में पूरा हुआ. कार्यक्रम के दौरान रायपुरबिलासपुरबस्तरदुर्गभिलाईकुम्हारीगातापरा,  गंडई,  राजिम,  भाटापाराबिलाईगढमुंगेली,  भैंसबौड,  कुकरेल,  खैरागढ़,  बालोद,  देवगाँव,  बेरलागरियाबंद,  कुरुद्धमतरीगरियाबंदधमधापांडुकासारंगढ़पिरदाजामुलआरंगअम्लेश्वर सहित दूरस्थ क्षेत्रों से आए 100 से अधिक ग्रामीण क्षेत्र निवासी रचनाकारों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के अंतिम सत्र में काव्य पाठ का भी आयोजन हुआ. काव्यपाठ में बड़ी संख्या में कवियों ने हिंदीछत्तीसगढ़ी और उर्दू की प्रस्तुतियां दी. इस आयोजन में विवेक बेहरामनीष अवस्थीदुष्यंत साहूराजाराम रसिकराजू छत्तीसगढियापूर्नेश डडसेनाहरिशंकर सोनीखेमेश्वर पूरी गोस्वामीआशा मानव की सक्रिय उपस्थिति थी.