श्रीडूंगरगढ़: स्थानीय मरूभूमि शोध संस्थान ने साहित्यलेखन और सृजन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने और इनसे जुड़ी प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए कई तरह के सम्मान की घोषणा की है. संस्थान ने इस घोषणा के तहत सूर्य प्रकाश बिस्सा स्मृति राजस्थानी महिला लेखन सम्मान और कला-डूंगर कल्याणी स्मृति राजस्थानी बाल साहित्य सम्मान के लिए साहित्यिक विधाओं की मौलिक और अप्रकाशित पांडुलिपियां आमंत्रित की हैं. इस आशय की जानकारी देते हुए संस्थान के सचिव श्याम महर्षि ने बताया कि राजस्थानी भाषा के विकासप्रचार-प्रसारसाहित्यिकपाठकीय जुड़ाव और महिला लेखन और बाल साहित्य का मुकम्मल प्रोत्साहन सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष से ये दो नए सम्मान प्रायोगिक तौर पर प्रारम्भ किए गए हैं. सम्मान समिति के संयोजक रवि पुरोहित ने बताया कि इस सम्मान हेतु केवल मौलिक और अप्रकाशित साहित्यिक पांडुलिपियां ही विचारार्थ भेजी जा सकती है.

महिला लेखन सम्मान हेतु 96 से 128 पृष्ठ तक की और बाल साहित्य सम्मान हेतु 64 से 72 पृष्ठ तक की साहित्यिक या किसी भी विधा की पांडुलिपि विचारार्थ भिजवाई जा सकती है. पांडुलिपियां स्पष्ट टंकित रूप में होनी चाहिए और इसकी एक प्रति मय ई-मेल साफ्ट प्रति 30 सितंबर तक सचिवमरूभूमि शोध संस्थानसंस्कृति भवनएनएच 11, जयपुर रोडश्रीडूंगरगढराजस्थान-331803 के पते पर पहुंच जानी चाहिए. चयनित रचनाकार की पांडुलिपि संस्थान द्वारा नि:शुल्क प्रकाशित करवा कर मातृभाषा दिवस पर विमोचित कराई जाएगी. साथ ही लेखक को इसी दिन संस्था द्वारा आयोज्य समारोह में सम्मान के साथ प्रकाशित कृति की 41 प्रतियां अर्पित की जाएगी. योजना के तहत प्रकाशित कृतियों पर जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर चर्चा कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगेजिसमें महिलाओं और बच्चों को खास तौर पर जोड़ा जाएगा.