भारतीय संस्कृति में हर दिन एक त्योहार है, शायद इसीलिए हमारी फिल्में हमारे त्योहारों के महिमामंडन में कभी पीछे नहीं रहीं. फिल्मी गीतों से लेकर फिल्मी दृश्यों तक त्योहार छाए रहते रहे. फिर उसमें पंजाब के निर्देशकों ने करवा चौथ को जम कर भुनाया. सुहागिन स्त्रियों का यह त्योहार अब फैशन बन चला है. इस दिन सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ के व्रत को भी कई हिंदी फिल्मों का अहम हिस्सा बनाया गया. चांदनी, 'बागबान', 'हम दिल दे चुके सनम', 'कभी खुशी कभी गम',  'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'यस बॉस', 'इश्क-विश्क', 'बीवी नंबर वन' जैसी फिल्मों के अलावा खुद 'करवा चौथ' के नाम पर भी एक फिल्म बन चुकी है. फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' के गाने 'चांद छिपा बादल में' सलमान खान और ऐश्वर्या राय पर फिल्माया गया. इस गाने में सलमान और ऐश मिलकर चांद का दीदार करते हैं और एक-दूसरे से प्यार का इज़हार करते हैं, तो फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में करवा चौथ के व्रत को फिल्म के गाने 'लैजा लैजा' गाने में फोकस किया गया. पर करवा चौथ का जैसा फिल्मांकन 'बागबान' फिल्म में है वैसा अन्यत्र कम ही है.

 फिल्म के टाइटल ट्रैक के अलावा 'मैं यहां तू वहां' गाना भी है, जो एक पति-पत्नी के प्यार और मजबूत रिश्ते को भावुक अंदाज़ में दिखाता है. 'बागबान' के एक सीन में अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी पति पत्नी के किरदार में हैं. फिल्म में दिखाया गया है कि जब करवा चौथ का दिन आता है व अमिताभ और हेमा मालिनी एक साथ नहीं बल्कि एक दूसरे से बहुत दूर अपने अलग-अलग बेटों के पास रह रहे होते हैं, तब अमिताभ, परेश रावल के कैफे में बैठे-बैठे काफी वक्त बिता देते हैं फिर अचानक फिल्म में परेश रावल की पत्नी की भूमिका निभा रहीं लिलेट दुबे, अमिताभ को चांद के निकल आने की खबर देती हैं. अमिताभ तेजी से घर की तरफ ये कहते हुए भागते हैं कि पूजा यानी हेमा मालिनी घर पर उनका फोन ट्राई कर रही होंगी. और घर पहुंचते ही अमिताभ पाते हैं कि फोन की घंटी बज रही है. पूजा आशीर्वाद मांगती हैं और पूछती हैं कि क्या आपने पानी पिया? इस पर अमिताभ एक पुरानी याद को ताज़ा करते हुए कहते हैं कि बिना उन्हें देखे वो कैसे पानी पी सकते हैं. हेमा मालिनी, अमिताभ से पानी पीने के लिए कहती हैं और दोनों लोग फोन पर ही पानी पीकर अपना-अपना करवा चौथ का व्रत तोड़ते हैं. तभी हेमा, अमिताभ से कुछ खा लेने को कहती हैं. लेकिन अमिताभ घर में किसी भी खाने की चीज को ना पाकर बर्तन खटका कर खाना खाने की एक्टिंग करते हैं जिसे हेमा जान जाती हैं. उदास हेमा मालिनी खाने की थाली खिसकाकर चली जाती हैं, और करवा चौथ का व्रत पूरा हो जाता है. सच ही है, करवा चौथ हो या, होली, दीवाली, रक्षाबंधन, दूर्गापूजा हो या ईद हिंदी फिल्मों ने हमारे त्योहारों को मजबूती ही प्रदान की है.