पटना:  साहित्यिक संस्था  'जनशब्द' के तत्वावधान में हिन्दी और अंग्रेजी के सुपरिचित कवि सुजीत वर्मा के सद्यः प्रकाशित कविता-संग्रह " धरती है उधार की " का लोकार्पण किया  गया। ध्यातव्य है कि सुजीत वर्मा की अंग्रेजी में अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से उनका उपन्यास "वाकिंग ऑन दी ग्रीन ग्रास" अंग्रेजी की देसी शैली के लिए चर्चित रही है। उनकी एक अन्य पुस्तक है- "सेंसुअलिटी, सेक्सुअलिटी एंड साल्वेशन"

 विमोचन समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि प्रभात सरसिज ने की तथा संचालन कवयित्री रानी श्रीवास्तव ने किया. इस अवसर पर डा. शिवनारायण, प्रो.सफ़दर इमाम क़ादरी, शैलेश्वर सती प्रसाद और श्रीराम तिवारी विशिष्ट अतिथि थे। लोकार्पित कविता-संग्रह की कविताओं पर श्रीराम तिवारी, शैलेश्वर सती प्रसाद, सफ़दर इमाम क़ादरी, डा. शिवनारायण, प्रभात सरसिज,राजकिशोर राजन, और पर्यावरण वैज्ञानिक डा.आलोक श्रीवास्तव ने अपना समीक्षात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किया.

इसके बाद सुजीत वर्मा ने अपनी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए संग्रह की कुछ चुनिंदा कविताओं का पाठ किया.

समापोह का दूसरा सत्र श्रीराम तिवारी की अध्यक्षताडा. शिवनारायण और विनय कुमार सिंह की विशिष्ट उपस्थिति एवं रानी श्रीवास्तव  के संचालन में प्रारंभ हुआ जिसमें श्रीमती पुष्पा जमुआर, सुधा सिन्हा, पूनम सिन्हा श्रेयसी, लता प्रासर, रानी श्रीवास्तव आदि कवयित्रियों और श्रीराम तिवारी, डा.शिवनारायण, प्रभात सरसिज, मधुरेश नारायण, हरेन्द्र सिन्हा, राजकिशोर राजन,शहंशाह आलम,नरेन्द्र कुमार,अस्मुरारीनन्दन मिश्र,एम.के.मधु,अरुण कुमार वर्मा आदि कवियों के अलावा घनश्याम ने भी काव्य पाठ किया।