नई दिल्लीः शारजाह मंडप में 'अमीरात पब्लिशर्स एसोसिएशन' की ओर से 'अमीरात के किस्से दुनिया को बताने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामग्री विकसित करने पर अनुवाद संबंधी चुनौतियां' विषय पर चर्चा आयोजित की गई. यहां उपस्थित वक्ताओं ने बताया कि अनुवाद दूसरी भाषाओं में लिखी गई पुस्तकों में समाहित संस्कृति को जानने का ज़रिया है तथा किस प्रकार पुस्तकों के अनुवाद करने में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इस मंच पर शारजाह पुस्तक प्राधिकरण द्वारा 'मिरर्स : काव्य-पाठ' का आयोजन किया गया तथा अरब चिल्ड्रन बुक पब्लिशर्स फोरम द्वारा 'अरब और भारतीय प्रकाशकों के बीच सहयोग: अरब और बच्चों की किताबों के प्रकाशकों के बीच एक संयुक्त बैठक' का आयोजन भी किया गया. शारजाह मंडप में अमीरात और भारतीय सिनेमा पर एक चर्चा का आयोजन किया गया. इस दौरान डॉ. हबीब गुलूम ने चर्चा की कि भारतीय सिनेमा ने अमीरात के साथ-साथ अमीरात के लोगों को कैसे प्रभावित किया है. उन्होंने बताया कि हेमा मालिनी, धर्मेन्द्र, श्रीदेवी, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे भारतीय कलाकार अमीरात में लोकप्रिय हैं.उन्होंने बताया कि अमीरात के लोग सिनेमा के माध्यम से भारतीय संस्कृति और लोगों के करीब आए हैं.

 

इससे पहले के दिनों में पुस्तक मेले में बी-2बी गतिविधियों के अंतर्गत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा फिक्की के सहयोग से सीईओ स्पीक – एक प्रकाशन मंच का आयोजन किया गया, जिसमें एमिरेट्स पब्लिशर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अली अल शाही द्वारा 'अमीरात प्रकाशन बाज़ार' विषय पर प्रस्तुति दी गई. इस अवसर पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष, डॉ. बल्देव भाई शर्मा, शारजाह पुस्तक प्राधिकरण के अध्यक्ष अहमद अल अमेरी; फिक्की के महासचिव और दिलीप चिनॉय ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए. यही नहीं शारजाह पवेलियन में अरब चिल्ड्रेन बुक पब्लिशर्स फोरम की ओर से महामहिम शेख डॉ सुल्तान बिन मोहम्मद अल कासिमी के जीवन पर आधारित एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में यूएई की सुप्रसिद्ध लेखिका सालेहा गाबिस ने बच्चों को सुल्तान बिन मोहम्मद अल कासिमी के बचपन के तमाम किस्से साझा किए. सुल्तान बनने से पहले वह किस तरह किताबों व पठन-पाठन की दुनिया से जुड़े इसकी जानकारी बच्चों को दी.