नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का महत्त्वपूर्ण शहर नोएडा साहित्य, साहित्यकारों और अन्य कला कर्मियों के लिए वैश्विक भूमिका निभाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. मारवाह स्टूडियो के संदीप मारवाह और सुशील भारती ने मिलकर अब तक बहुत ही सफल ढ़ंग से चार 'ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल, नोएडा' आयोजित किया है। ये फेस्टिवल मारवाह स्टूडियो के इंटरनेशनल चेम्बर आफ मीडिया और एशियन एकेडमी आफ आर्ट के तत्वावधान में आयोजित किए गए. बिना किसी भाषाई पूर्वाग्रह के फेस्टिवल का मुख्य स्वर हिन्दी का होता है. इसी को लेकर आयोजकों ने कुछ लेखक, साहित्यकारों को बुलाकर उनसे फेस्टिवल्स को बेहतर बनाने के सुझाव मांगे, जिन पर साहित्यकार दिविक रमेश का कहना था कि नोएडा फेस्टिवल में न तो अन्य बहुप्रचारित फेस्टिवलों की तरह जरूरत से ज्यादा उबाऊ और नाटकीय बौद्धिकता दिखती है और न ही जानबूझकर कर विवादास्पद झलकियां दिखाने की राजनीति की जाती है. यही नहीं इनमें नये से नये रचनाकारों को भी ससम्मान भागीदारी का अवसर मिलता है. यह फेस्टिवल स्टारवाद का मारा भी नहीं है.
इसी क्रम में नोएडा में साहित्यकारों और संस्कृति कर्मियों के लिए मिलने, चर्चा करने की जगह बनाने का भी अनुरोध किया गया. संदीप मारवाह ने इसके लिए प्रयास करने की बात कही. इस अवसर पर राईटर्स एसोशिएशन के गठन की घोषणा भी की गई और एक पोस्टर भी जारी किया गया. बैठक में एक बड़ी संख्या में साहित्य से जुड़े लोगों ने भाग लिया और सभी ने अपने बहुमूल्य विचार रखे. सबने माना कि यह आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण है और इससे साहित्य और रचनाकारों का बहुत हित सधता है. संदीप मारवाह ने रचनाकारों को पुस्तक लोकार्पण, पुस्तक प्रकाशन सहित अनेक गतिविधियों से जुड़ने का भी निमंत्रण दिया, बिना आर्थिक बोझ उठाए. इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों को वर्ल्ड पीस डेवेलपमेंट एंड रिसर्च फॉउंडेशन की निःशुल्क आजीवन सदस्यता प्रदान की गई और प्रमाण पत्र वितरित किए गए.