नई दिल्लीः साहित्य अकादमी ने हिंदी दिवस के अवसर पर 'हिंदी सप्ताह' कार्यक्रम का शुभारंभ किया. वर्चुअल स्क्रीन के जरिए आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रख्यात हिंदी लेखिका मृदुला गर्ग थी. उन्होंने कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा यहां के आम जनों ने बनाया था, लेकिन जब इसे राजभाषा बनाया गया तो हमने इसकी गरिमा को धीरे-धीरे कम आंकना शुरू कर दिया. एक भाषा जिसने पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में बांधा आज उसके साहित्य को सम्मान देने वाले लोग कम होते जा रहे हैं. आगे कहा कि भाषा केवल भाषा नहीं होती बल्कि उसके साथ एक संस्कृति भी जुड़ी होती है. अतः राष्ट्रभाषा का सम्मान और उसका प्रयोग हमारे राष्ट्रीय प्रेम को प्रदर्शित करता है. वर्तमान समाज एक विदेशी भाषा के इस्तेमाल से अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है. जबकि राष्ट्रभाषा को प्रयुक्त करने वाला समाज आज भी सहज और संवेदनशील है.
गर्ग ने जापान आदि देशों के मातृभाषा प्रेम का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें उनसे प्रेरणा लेकर अपनी राष्ट्रभाषा का इस्तेमाल करते समय गर्व महसूस करना होगा. तभी शायद हम इंडिया और भारत की दूरियों को कम कर सकेंगे. हिंदी बोलने से हम स्वयं ही विकसित नहीं होते बल्कि बहुआयामी संस्कृति और विचार के मालिक भी बनते हैं. कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी का स्वागत करते हुए साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि हिंदी राष्ट्रीय एकता की सूत्रधार है और केवल भाषा ही नहीं बल्कि एक संस्कृति भी है. साहित्य अकादमी हिंदी के प्रचार-प्रसार और विकास में अपने हर संभव स्तर से प्रयास कर रही है. उन्होंने कार्यक्रम के प्रारंभ में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव आनंद कुमार की अपील का पाठ किया जो उन्होंने हिंदी दिवस के अवसर पर मंत्रालय के सभी कार्यालयों को प्रेषित किया था. इस कार्यक्रम में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अकादमी के कर्मचारियों ने भाग लिया. इस अवसर पर साहित्य अकादमी के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में पूरे सप्ताह विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. हिंदी सप्ताह का समापन समारोह 18 सितंबर को आयोजित किया जाएगा.