नई दिल्लीः हर वर्ष की तरह इस बार भी साहित्य अकादमी अपना वार्षिक उत्सव – साहित्योत्सव – का आयोजन 28 जनवरी 2019 से 2 फ़रवरी 2019 तक कर रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि उत्सव का आरंभ अकादमी की वर्षभर की गतिविधियों को प्रदर्शित करनेवाली प्रदर्शनी से होगा. पद्म भूषण सम्मान प्राप्त प्रख्यात लेखक, दार्शनिक, शिक्षाविद् एवं पूर्व संसद सदस्य मृणाल मिरी 28 जनवरी 2019 को पूर्वाह्न 10.00 बजे प्रदर्शनी का उद्घाटन रवींद्र भवन परिसर में करेंगे. इस प्रदर्शनी में अकादमी की उपलब्धियों को रेखांकित किया जाता है, जिसके अंतर्गत छायाचित्रों के माध्यम से अकादमी द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोहों, संगोष्ठियों, परिसंवादों, कार्यशालाओं, सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों तथा विभिन्न कार्यक्रम शृंखलाओं में आयोजित कार्यक्रमों की झलकियां प्रस्तुत की जाती हैं. महात्मा गांधी के 150वें जन्म वर्ष के उपलक्ष्य में साहित्योत्सव में एक विशेष कॉर्नर बनाया गया है, जिसमें महात्मा गांधी द्वारा लिखित और उन पर लिखी गई लगभग 700 पुस्तकें भी प्रदर्शित की जा रही हैं. 28 जनवरी को अपराह्न 2.00 बजे साहित्य अकादमी भाषा सम्मान अर्पण समारोह अकादमी सभागार में होगा. कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य-उत्तरी क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र के लिए तथा कोशली-संबलपुरी, पाइते और हरियाणवी के लिए अपने-अपने क्षेत्र में योगदान करने वाले 8 विद्वानों/लेखकों को साहित्य अकादमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार पुरस्कार प्रदान करेंगे. इस बार साहित्योत्सव में पहली बार दो दिवसीय आदिवासी महिला लेखिका सम्मिलन आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रख्यात हिंदी लेखिका रमणिका गुप्ता करेंगी. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों की 36 आदिवासी भाषाओं की 43 आदिवासी लेखिकाएँ शिरकत करेंगी. दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन 28 जनवरी 2019 को अपराह्न 3.30 बजे होगा. 

साहित्य अकादमी पुरस्कार अर्पण समारोह कमानी सभागार नई दिल्ली में 29 जनवरी 2019 को सायं 5.30 बजे होगा, जिसमें 24 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को उनकी श्रेष्ठ कृतियों के लिए साहित्य अकादमी के अध्यक्ष द्वारा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे. प्रख्यात ओड़िया लेखक और साहित्य अकादमी के महत्तर सदस्य मनोज दास समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. प्रख्यात श्रीलंकाई लेखक और साहित्य अकादमी के प्रेमचंद फ़ेलोशिप से सम्मानित सांतन अय्यातुरै समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे. सांतन अय्यातुरै को यह फ़ेलोशिप साहित्योत्सव में दिनांक 30 जनवरी 2019 को अपराह्न 2.30 बजे आयोजित होने वाले एक अन्य कार्यक्रम में प्रदान की जाएगी. इस वर्ष साहित्योत्सव में 31 जनवरी 2019 से त्रि-द्विवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है. इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय 'भारतीय साहित्य में गाँधी' है. इसका उद्घाटन लब्धप्रतिष्ठत अंग्रेज़ी कवि और लेखक जयंत महापात्र करेंगे तथा मॉरीशस सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री, यूनेस्को के पूर्व निदेशक व इंटरनेशनल तिरुक्कुरल फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष अरमूगम परसुरामन संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि होंगे. प्रख्यात इतिहासकार एवं अंग्रेज़ी लेखक सुधीर चंद्रा बीज वक्तव्य देंगे. इस संगोष्ठी में '21वीं सदी में गाँधी की प्रासंगिकता', 'गाँधी और दलित आंदोलन', 'गाँधी और भारतीय कथासाहित्य', 'विश्व-दृष्टि में गाँधी', 'आत्मकथाओं में गाँधी', 'गाँधी और भक्ति साहित्य', 'भारतीय काव्य, नाटकों तथा प्रस्तुतियों में गाँधी', 'गाँधी पर प्रभाव', 'लोकप्रिय संस्कृति में गाँधी', और 'गाँधी पर समकालीन साहित्यिक विमर्श' जैसे 10 विचार सत्रों के अंतर्गत अर्थशास्त्र, पत्रकारिता और पारिस्थितिकी सहित कई ज़रूरी विषयों पर देश की विभिन्न भाषाओं के विद्वान अपने आलेख प्रस्तुत करेंगे.
  
लब्धप्रतिष्ठत लेखक, विद्वान और साहित्य अकादमी के महत्तर सदस्य गोपीचंद नारंग द्वारा संवत्सर व्याख्यान दिनांक 30 जनवरी को सायं 6.00 बजे रवींद्र भवन परिसर में दिया जाएगा.। व्याख्यान का विषय है – 'फ़ैज़ अहमद फै़ज़ : तसव्वुरे इश्क़, मानी आफ़रीनी और जमालियाती एहसास'. 31 जनवरी को पूर्वाह्न 10.30 बजे से युवा साहिती : नई फसल कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न भारतीय भाषाओं के 27 युवा रचनाकार सम्मिलित होंगे. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मलयाळम् कवि एवं लेखक के. सच्चिदानंदन करेंगे. विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता  टी. देवीप्रिया, निर्मलकांति भट्टाचार्जी, गौरहरि दाश और पंकज राग करेंगे.    31 जनवरी को पूर्वाह्न 10.00 बजे आमने-सामने कार्यक्रम में साहित्य अकादमी पुरस्कार 2018 से पुरस्कृत लेखकों की प्रतिष्ठित साहित्यकारों/विद्वानों से बातचीत होगी. 30 जनवरी को पूर्वाह्न 11.00 बजे पूर्वोत्तरी कार्यक्रम शुरू होगा, इसमें भारत के उत्तर-पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र के लेखक सहभागिता करेंगे. इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रख्यात हिंदी कवि और समालोचक विश्वनाथ प्रसाद तिवारी करेंगे तथा सुपरिचित असमिया लेखक ध्रुब ज्योति बोरा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे. इसके अतिरिक्त 'भाषांतर : अनुवाद की चुनौतियाँ एवं समाधान', 'मीडिया और साहित्य', 'नाट्य लेखन का वर्तमान परिदृश्य' एवं 'भारत में प्रकाशन की स्थिति' विषय पर परिचर्चा तथा बच्चों के लिए 'आओ कहानी बुनें' के अंतर्गत वैविध्यपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस वर्ष साहित्योत्सव में पहली बार एक नया कार्यक्रम सम्मिलित किया गया है – 'ट्रांसजेंडर कवि सम्मिलन', जो 2 फरवरी को अपराह्न 2.30 बजे होगा. इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रख्यात साहित्यकार, विदुषी और मानबी बंद्योपाध्याय करेंगी, जो पहली ट्रांसजेंडर हैं जिन्हें एक महाविद्यालय की प्राचार्य बनाई गई थीं. इस कार्यक्रम में 14 ट्रांसजेंडर कवि अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे. साहित्योत्सव में देश के कोने-कोने से विभिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 250 लेखक और विद्वान विविध कार्यक्रमों में भागीदारी करेंगे. दिनांक 28, 29, 31 जनवरी एवं 1 फरवरी को सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रम क्रमशः गोपी कृष्ण सोनी के बैगा युवा नृत्य दल, छत्तीसगढ़ द्वारा बैगा नृत्य, सबसे कम उम्र में पद्म भूषण सम्मान प्राप्त करनी वाली पहली महिला व पद्म विभूषण से अलंकृत प्रख्यात नृत्यांगना व विदुषी सोनल मानसिंह द्वारा नाट्य कथा : कृष्णा, श्री श्री उत्तर कमलाबाड़ी सत्र, शंकर देव कृष्टि संघ, असम द्वारा गायन-बायन, माटी आखरा एवं राम विजय खंड दृश्य और प्रख्यात वायलिन वादक व गायिका सुनीता भुयाँ एवं समूह द्वारा इंडो-फ्यूजन संगीत भी आयोजित किए जा रहे हैं. रवींद्र भवन परिसर में अकादेमी की पुस्तक प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से सायं 7 बजे तक प्रतिदिन होगी और पुस्तकें बिक्री के लिए 10 प्रतिशत की विशेष छूट पर उपलब्ध होंगी.