मुंबईः मुंबई प्रेस क्लब में साहित्यिक संस्था श्रुति संवाद साहित्य कला अकादमी ने बस्तर के आदिवासियों और किसानों के कल्याणार्थ समर्पित व अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. राजाराम त्रिपाठी की कालजयी रचना 'मैं बस्तर बोल रहा हूं' का पाठ आयोजित किया. इस पुस्तक में बस्तर के आदिवासियों के शोषण का मार्मिक विवेचन है. इस अवसर पर डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने साहित्य के अलावा देश की खेती किसानी पर बात करते हुए कहा कि खेती की प्रकृति को समझना होगा, महज एक पौधा लगाना या बुआई करना ही खेती नहीं है. आजादी के बाद अथक प्रयासों से किसानों के लिए पेंशन का पहला प्रस्ताव पास हुआ. देश के विकास के लिए के लिए किसानों को महत्व देना होगा.'
इस मौके पर श्रुति संवाद के अध्यक्ष अरविंद राही ने स्वागत वक्तव्य दिया. डॉ राजाराम त्रिपाठी के सामाजिक कार्यों के बारे में हिंदी पत्रकार संघ के महासचिव विजय सिंह और साहित्यिक उपलब्धियों के बारे में वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश तिवारी ने प्रकाश डाला. इसके बाद वरिष्ठ गीतकार पं. किरण मिश्र की अध्यक्षता व व्यंग्यकार डॉ. अनंत श्रीमाली के संचालन में काव्य गोष्ठी हुई, जिसमें वरिष्ठ कवयित्री चित्रा देसाई, रास बिहारी पांडेय, रीता दास राम,नीलम दीक्षित, अलका पांडे, सुप्रसिद्ध गायक सुरेश शुक्ला, रजनी साहू, वंदना श्रीवास्तव आदि ने रचना पाठ किया. डॉ. राजाराम त्रिपाठी के प्रशस्ति पत्र का वाचन डॉ. मेघा श्रीमाली ने किया. स्वागत सुरेश शर्मा, डॉ. रश्मि पटेल ने किया. समारोह में मुंबई महानगर के कई पत्रकार, लेखक, साहित्यकार शामिल हुए, जिनमें माधुरी बाजपेयी, प्रमोद कुमार, हरगोविंद विश्वकर्मा, अजय तिवारी, अनिल सिंह, मार्कंडेय केवट, रमेश त्रिपाठी, सिद्धी विनायक मंदिर के पूर्व ट्रस्टी उदय प्रताप सिंह आदि शामिल थे.