किताबों का महाकुम्भ कहे जाने वाले दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले का आगाज 5 जनवरी से हो चुका हैजो कि 13 जनवरी तक चलेगा। प्रतिवर्ष होने वाले इस आयोजन को लेकर लेखकोंप्रकाशकों और पाठकों सबमें बराबर उत्साह रहता है। इसबार के पुस्तक मेले में यूँ तो बहुत-सी नयी किताबें आ रही हैंलेकिन हम विश्व पुस्तक मेले में आ रहे कुछ ऐसे उपन्यासों की बात कर रहे हैं जो अपनी विषय-वस्तु के कारण काफी ख़ास हैं। युवा समीक्षक पीयूष द्विवेदी ने कुछ उपन्यासों पर नजर डाली है।  

लाल अंधेरा – इन दिनों शहरी नक्सलवाद का विषय खासी चर्चा में है। प्रसिद्ध बस्तरिया लेखक राजीव रंजन प्रसाद का इसी विषय पर केन्द्रित उपन्यास है लाल अंधेरा’ जो यश पब्लिकेशन्स से इस विश्व पुस्तक मेले में आ रहा है। शहरी नक्सलवाद के विषय पर हिंदी में काफी कम लिखा गया हैऐसे में इस विषय को समझने के इच्छुक पाठकों के लिए यह उपन्यास एक महत्वपूर्ण पुस्तक सिद्ध हो सकता है।

मल्लिका – चर्चित लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ का यह उपन्यास इस विश्व पुस्तक मेले में राजपाल एंड संज से प्रकाशित होकर आ रहा है। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रणेता भारतेंदु हरिश्चंद्र की एक प्रेमिका मल्लिका’ को केंद्र में रखकर इस उपन्यास की रचना की गयी है। भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रेमिकाओं के विषय में छिट-पुट जानकारी मिलती रही हैमगर इस तरह से एक पूरा उपन्यास पहली बार ही सामने आया है। निश्चित ही ये इस वर्ष विश्व पुस्तक मेले में आने वाली एक बेहद पठनीय पुस्तक है।

अस्थि फूल – चर्चित लेखिका अल्पना मिश्रा के इस उपन्यास के विषय में राजकमल प्रकाशन के फेसबुक पेज पर जानकारी देते हुए लिखा गया है, ‘आंदोलन और विस्थापन के बहुपरतीय सवालों से जूझताझारखंड आंदोलन और वहाँ की औरतों के बिकने की दारुण कथा कहता यह उपन्यास 'अस्थि फूलइस पुस्तक मेले में आ रहा है।’ जाहिर हैइस किताब का विषय अत्यंत व्यापक है और इस तरह की कहानियों में रुचि लेने वालों के लिए यह एक महत्वपूर्ण किताब हो सकती है।

बेशरम – लोकप्रिय लेखिका तसलीमा नसरीन का राजकमल प्रकाशन से ही हिंदी अनूदित होकर आ रहा उपन्यास बेशरम’ इस पुस्तक मेले की एक ख़ास किताब है। यह साम्प्रदायिकता और भय के कारण अपना घर-बार छोड़कर पलायन किए लोगों की कहानी हैजिसे तसलीमा के बहुचर्चित उपन्यास लज्जा’ की उत्तरकथा भी बताया जा रहा है।

अहल्या – कालजयी कथाकार नरेंद्र कोहली का पेंगुइन से प्रकाशित  उपन्यास अहल्या’ भी इस विश्व पुस्तक मेले की उल्लेखनीय किताब है। अभ्युदयमहासमरवासुदेवकुंतीतोड़ो कार तोड़ो जैसी महान कृतियों की रचना करने वाले नरेंद्र कोहली की यह पुस्तक रामायण की प्रसिद्ध पात्र अहल्या’ पर केन्द्रित है। कोहली जी अपने उपन्यासों में पौराणिक विषयों को आधुनिक संदर्भों में युगीन प्रस्तुति देने के लिए जाने जाते हैंऐसे में अहल्या पर केन्द्रित उनकी यह पुस्तक निश्चित ही पठनीय है।  

शिव – डॉ अशोक शर्मा का यह उपन्यास अंजुमन प्रकाशन से प्रकाशित होकर विश्व पुस्तक मेले में आ रहा है। जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि ये उपन्यास भगवान शिव पर केन्द्रित है। इस किताब के विषय में जानकारी साझा करते हुए अंजुमन प्रकाशन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा हैइससे पहले डॉ अशोक की पौराणिक चरित्रों रामसीता और कृष्ण पर केन्द्रित तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और अब ये उनकी चौथी किताब है।