वाराणसीः कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग व जिला प्रशासन ने उनकी जन्मस्थली पर तीन दिवसीय 'लमही महोत्सव' का आयोजन कराया, जिसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित हुए. 'प्रेमचंद साहित्य का सामाजिक सरोकार' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ आयोजन की शुरुआत हुई. महोत्सव का उद्घाटन मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने किया. उन्होंने कहा कि इस स्थान को साहित्यिक तीर्थ स्थल के रूप मे विकसित किया जाएगा. जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने  लमही गांव को गोद लेने की घोषणा की और कहा कि इस ग्राम को शहरीकरण से बचाने के साथ ही यहां हर आवश्यक सुविधा भी उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है, जिससे हर आने वाला अतिथि इस ग्राम के मूल स्वरूप के दर्शन कर सके एवं मुंशी की जीवन शैली का भी स्मरण कर सके. आगामी लमही महोत्सव से पहले संस्कृति विभाग एक बड़ा संग्रहालय बनवाएगा. इस अवसर पर 'बड़ी परेशानी है भाई' हंस पब्लिकेशन की पुस्तक का विमोचन भी हुआ.
महोत्सव में मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं पर आधारित विभिन्न नाट्य प्रस्तुतियों का मंचन कलाकारों द्वारा किया गया. जिसमें मुक्ति धन- फादर आनंद, गोदान- सलीम राजा, धिक्कार- वीणा आनंद, मैकू प्रेमचंद नव चेतना मंच आदि शामिल रहे. सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत गायन/वादन के क्रम में शहनाई वादन- दुर्गा प्रसन्ना, बिरहा- मन्नू यादव, लोकगीत गायन- सीमा पटेल की मनोरम प्रस्तुतियां रही. प्रेमंचद  की साहित्यक कृतियों से सम्बन्धित चित्रों की प्रदर्शनी भी उनके पैतृक आवास में लगाई गई. इस अवसर पर काशी के वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाजसेवियों की भी सहभागिता रही. डॉ. नीरजा माधव, प्रो. सदानन्द शाही, प्रो. सुरेंद्र प्रताप, डॉ. मुक्ता, प्रो. श्रद्धानन्द, डॉ. गया सिंह, डॉ. अत्रि भारद्वाज, डॉ. इंदीवर, प्रो. हीरालाल, प्रो. विजय सिंह, विनय कुमार सिंह, अजय गुप्ता,अतुल सिंह, प्रो. रामसुधार सिंह एवं डा. प्रीतेश आचार्य आदि शामिल थे. कहानी लेखन प्रतियोगिता में प्रगति राय ने प्रथम, मुस्कान मिश्रा ने दूसरा, रूपाली जायसवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. सुधांशु सिंह एवं  निवेदिता श्रीवास्तव को सांत्वना पुरस्कार मिला. महोत्सव के अंतर्गत चित्रकला प्रतियोगिता में सरिता वर्मा प्रथम, अनुभव शर्मा ने द्वितीय, मीनाक्षी को तृतीय तथा अनिल कुशवाहा एवं श्रद्धा दुबे को सांत्वना पुरस्कार मिला.