मऊः स्थानीय राहुल सांकृत्यायन सृजनपीठ के परिसर में पिछले दिनों कैफी आजमी अतिथि गृह का लोकार्पण हुआ. इस अवसर पर कैफी आजमीः शख्सियत और विरासत विषय पर विचार गोष्ठी भी हुई, जिसमें देशभर के कई साहित्यकार व लेखक उपस्थित हुए. इस सृजन पीठ में पहले से ही सभागार और पुस्तकालय भवन का निर्माण हो चुका है. यह सब ‘अभिनव कदम’ पत्रिका के संपादक व वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी जयप्रकाश ‘धूमकेतु’ ने बिना कोई सरकारी मदद लिए अपनी लगन, प्रयास और समर्पण से किया है. इस भवन का उदघाटन इप्टा के महासचिव राकेश ने किया. अध्यक्षता आलोचक वीरेंद्र यादव ने की. कथाकार शिवमूर्ति और मनोज कुमार सिंह ने विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया. इस व्याख्यान में कैफ़ी आज़मी के संस्मरणों के बहाने आज के दौर पर वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे. संचालन का दायित्व संजय राय के जिम्मे रहा. लेखक सुभाष राय ने इस प्रेक्षागृह के उद्घाटन पर टिप्पणी करते हुए बताया कि राहुल सृजन पीठ के सूत्रधार जयप्रकाश धूमकेतु ने इस परिसर के माध्यम से दो दशक पहले देखे गए अपने सपने को साकार किया. धुमकेतु का सपना था कि मऊ में सृजनपीठ की स्थापना की जाय.
सुभाष राय ने कहा कि धुमकेतु ने जब यह बात सोची उस समय मैं मऊ में पदस्थापित था. इस सपने के साथ मैंने एक दूसरा सपना जोड़ा कि यहां से किसी पत्रिका का प्रकाशन किया जाय. उसी समय अभिनव कदम नाम से पत्रिका प्रकाशन की योजना बनी. उसके बाद तो एक इतिहास बना. अभिनव कदम ने राहुल सांकृत्यायन, सहजानंद सरस्वती, कैफ़ी आज़मी, राही मासूम रजा, मलयज पर अद्भुत विशेषांक प्रकाशित किए. आज हम कह सकते हैं कि इस पत्रिका का हर अंक अपने आप में एक विशेषांक हैं. आज जब सांस्कृतिक संस्थाएं निर्जीव हो चुकी हैं, वे किसी न किसी तरह से सत्ता से जुड़ी हुई हैं. ऐसे समय में इस पीठ की स्थापना विचार के नए द्वार खोलती है. याद रहे कि धूमकेतु ने शहर में एक परिसर ख़रीदा और देश की महान हस्तियों के नाम पर साहित्य व संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों के लिए स्थान आवंटित किया. जैसे एक विशाल हाल में महापंडित राहुल सांकृत्यायन की स्मृति में पुस्तकालय, शहीद भगत सिंह की स्मृति में एक विशाल खुला मंच और अज़ीम शायर कैफीआज़मी की स्मृति में एक लेखक अतिथिगृह बनवाया है.