पटना:मैथिली विभाग, ए. एन. कॉलेज, पटना और मैथिली भाषा-सहित्य को समर्पित संस्था 'साहित्यिक चौपाड़ि' के संयुक्त तत्वावधान में 'एकल काव्य पाठ सह संगोष्ठी' का आयोजन किया गया. शताब्दी भवन, ए. एन. कॉलेज, पटना में आयोजित इस कार्यक्रम में मैथिली के समादृत कवि-पत्रकार सुकान्त सोम का एकल काव्य पाठ आयोजित हुआ और उनके कविता व पत्रकारिता पर भी विस्तारपूर्वक बात हुई.  मैथिली के आलोचक मोहन भारद्वाज की स्मृति को समर्पित इस आयोजन का आरम्भ अनुग्रह नारायण सिंह और मोहन भारद्वाज के चित्रों पर पुष्पांजलि से हुआ. उसके बाद ए. एन. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शशि प्रताप शाही द्वारा पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम, मैथिली पुस्तकों के सेट और स्मृति चिन्ह देकर अतिथियों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर अपने संबोधन के दौरान डॉ. शाही ने मैथिली भाषा, साहित्य और मिथिला की संस्कृति को महान बतलाया. 

 डॉ. शाही के संबोधन के उपरांत कथाकार अशोक द्वारा मोहन भारद्वाज की मैथिली आलोचना में उनके योगदानों को रेखांकित किया गया. आयोजन के अगले चरण में सुकान्त सोम के कविता और पत्रकारिता पर चर्चा हुई. इस मौके पर सुकान्त सोम के पत्रकारिता पर बात रखते हुए भैरव लाल दास ने कहा कि सुकान्त सोम ने अपने पत्रकारिता के दौरान मिथिला की प्रमुख और जरूरी बातों को उठाया है. उन्होंने वही बातें लिखी है, जो यथास्थिति है. मिथिला को अपनी बात उठाने वाले इस तरह के और पत्रकारों की जरूरत है. 

वहीं सुकान्त के कवि कर्म पर अपनी बात रखते हुए तारानन्द वियोगी ने उनको जरूरी और अवश्य पढ़ा जाने वाला कवि बतलाया.  आयोजन के अगले भाग में कवि द्वारा कुछ अपनी, तो कुछ उपस्थित साहित्य प्रेमियों की पसंद की कविताएं पढ़ी गयी. ये कविताएँ उनके संग्रह 'निज संवाददाता द्वारा', 'भोरक प्रतीक्षा मे' से होने के साथ साथ विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित और कुछ अप्रकाशित भी थी.  कविता पाठ के बाद श्रोताओं द्वारा कवि से उनके रचना प्रक्रिया, कविता आदि से सम्बंधित प्रश्न पूछे गए. 

 कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ वासुकीनाथ झा ने की.  उन्होंने सुकान्त को मैथिली कविता का महत्वपूर्ण कवि बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ कमल मोहन चुन्नू द्वारा किया गया. वहीं स्वागत भाषण मैथिली विभाग की अध्यापिका वंदना किशोर ने और धन्यवाद ज्ञापन साहित्यिक चौपाड़ि के बालमुकुन्द ने किया. इस अवसर पर मैथिली समाज के खासे लोग मौजूद थे।