लखनऊ: 2018 के आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान की घोषणा हो गई है. इस साल इस सम्मान के लिए चर्चित और प्रतिभाशाली कथाकार मनोज रूपड़ा को चुना गया है. यह सम्मान उन्हें 18 नवंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 'कथाक्रम 2018' के अवसर पर आयोजित जलसे में दिया जाएगा. कथाक्रम के संपादक, कार्यक्रम संयोजक साहित्यकार शैलेंद्र सागर के मुताबिक मनोज रूपड़ा को चुने जाने की वजह कथा क्षेत्र में उनकी विशिष्ट उपस्थिति है. मनोज रूपड़ा लगातार तीन दशकों से लेखन में सक्रिय हैं और अपनी  कहानियों और उपन्यासों से एक बड़े पाठक वर्ग को अपनी तरफ आकर्षित किया है.अत्यंत समृद्ध और सघन भाषा के धनी मनोज कहानीपन को साधते हुए पात्रों के चारित्रिक जटिलताओं और उनके अंतर्विरोधों की कहानी अत्यंत प्रभावी ढंग से रचते हैं.

 शुरुआती कहानी संग्रहों 'दफन और अन्य कहानियां, 'साज़ नासाज़' के बाद उपन्यास 'प्रतिसंसार' ने मनोज रूपड़ा को विशेष पहचान दी. इसके बाद 'टावर ऑफ सायलेंस', 'काले अध्याय', 'आमाज़गाह' और 'कला का आस्वाद' को भी खूब सराहना मिली. उन्हें 'इंदु शर्मा कथा पुरस्कार' 'वनमाली सम्मान' मिल चुका है. याद रहे कि लखनऊ से प्रकाशित होने वाली साहित्यिक पत्रिका 'कथाक्रम' की ओर से पिछले लगभग 22 सालों से हर साल आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान समारोह आयोजित होता है, जिसकी काफी प्रतिष्ठा है. इस समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से के साहित्यकार, लेखक, पत्रकार शिरकत करते हैं. दो दिन के इस कार्यक्रम में जिस लेखक को सम्मानित किया जाता है, उस की रचना और व्यक्तित्व पर केंद्रित पूरा एक सत्र होता है. कोई वरिष्ठ लेखक ही सम्मानित करता है. शेष सत्र साहित्य, रचना व समकालीन विषय पर होते हैं.