पटनाः मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग ने बिहार राज्य अभिलेख भवन सभागार में मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह का आयोजन किया. इस अवसर पर 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम एवं मुंशी प्रेमचंद' विषय पर मुख्य व्याख्यान हुआ, जिसमें विद्वान वक्ता डॉ बलराम तिवारी और डॉ दिनेश सिंह ने अपने विचार रखे. इस अवसर पर डॉ. भावना शेखर ने 'उपन्यास सम्राट प्रेमचंद का नारी दर्शन' विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में तत्कालीन इतिहास दिखता है.
मुंशी प्रेमचंद को युगप्रवर्तक, समाजसुधारक लेखक बताने के साथ ही उन्होंने उनकी कई कृतियों, विशेषकर गोदान, कर्मभूमि आदि में नारी पात्रों के उल्लेख की चर्चा की और कहा कि मुंशी जी ने नारी सशक्तिकरण के चलते उस दौर की हर बुराई, चाहे वह दहेज प्रथा रही हो या विधवा विवाह निषेध पर चोट किया. इस समारोह में राम उपदेश सिंह, डॉ उपेंद्र नाथ पांडेय एवं निदेशक डॉ करीमी के साथ अध्यक्ष सत्यनारायण ने भी अपने मूल्यवान विचार व्यक्त किए. समापन से पूर्व कुछ युवा कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ भी किया.