नई दिल्‍लीः स्थानीय ज्ञानमंच सभागार में हिंदी के सुपरिचित कविआलोचक एवं भाषाविद डॉ ओम निश्‍चल को विचारमंच कोलकता संस्‍था द्वारा वर्ष 2019 के प्रो.कल्‍याणमल लोढ़ा सारस्‍वत साधना सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया. यह सम्‍मान उन्‍हें एक भव्‍य समारोह में मेघालय के राज्‍यपाल तथागत राय ने प्रदान किया. डॉ निश्‍चल को सम्‍मान स्‍वरूप रु 51000/- की राशि, शाल एवं प्रतीक चिह्न भेंट किया गया.  समारोह की अध्‍यक्षता उद्योगपति-समाजसेवी अजित चौरड़िया ने की. इस अवसर पर विचार मंच के अध्‍यक्ष पन्नालाल कोचर, संगठन मंत्री सरदारमल कांकरियाउपाध्‍यक्ष पदमचंद नाहटाडॉ प्रेमशंकर त्रिपाठी एवं एनबीटी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा, पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठीडॉ जितेंद्र पी शाहडॉ दिलीप धींगडॉ राजीव रावतसुशील राठीडॉ स्‍वेता जैनडॉ किरण सिपानीपार्थ चटर्जीस्‍वाती चौधुरी तथा कोलकाता के साहित्‍य संस्‍कृति प्रेमी पत्रकार और मीडियाकर्मी उपस्‍थित थे.  ज्ञातव्‍य है कि विचारमंच संस्‍था पिछले 32 वर्षों से विविध क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले विशिष्‍ट व्‍यक्‍तियों को सम्‍मानित करता आ रहा है.
इस सम्मान से नवाजे गए डॉ ओम निश्‍चल हिंदी के सुपरिचित कविआलोचक एवं भाषाविद हैं. कविताआलोचनानिबंधसंस्‍मरण विधा, भाषा एवं संस्‍कृति विषय पर उनकी 30 से ज्‍यादा पुस्‍तकें प्रकाशित हैं.  जिनमें कविता संग्रह शब्‍द सक्रिय हैंनिबंध भाषा की खादीआलोचना पुस्तक द्वारिकाप्रसाद माहेश्‍वरी: सृजन एवं मूल्‍यांकनशब्‍दों से गपशपकुंवर नारायण: कविता की सगुण इकाईकविता के वरिष्‍ठ नागरिकसमकालीन कविता: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्‍यकविता का स्‍थापत्‍य एवं संस्‍मरण खुली हथेली और तुलसीगंध आदि शामिल है. वह हिंदी अकादमी दिल्‍लीउत्‍तर प्रदेश हिंदी संस्‍थान के आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल आलोचना पुरस्‍कार, 'जश्‍ने अदब' द्वारा 'शान ए हिंदी खिताबसे नवाजे जा चुके हैं. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के कई नगरों में काव्‍यपाठ, व्‍याख्‍यान के अलावा मारीशस में आयोजित 11वें विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन में सहभागिता भी की है.