लंदनः ब्रिटेन में हिंदी के प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहन देने और विश्व हिंदी दिवस को यादगार बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2007 में  लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने वहां रहकर हिंदी के प्रचार-प्रसार में जुड़े साहित्यकारों, शिक्षकों, मीडिया कर्मियों और हिंदी सेवी संस्थाओं को सम्मानित करने के उद्देश्य से 'यूके हिंदी सम्मान' देने की परंपरा शुरू की. इसी क्रम में इस साल लंदन के नेहरू सेंटर 'यूके हिंदी सम्मान समारोह' का आयोजन किया गया. लंदन में आयोजित इस सम्मान समारोह में उप-उच्चायुक्त महामहिम चरनजीत सिंह द्वारा ब्रिटेन की जानी-मानी लेखिका उषा वर्मा को डॉ हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक प्रो. इमरे बंघा को जॉन गिलक्रिस्ट यूके हिंदी शिक्षण सम्मान से सम्मानित किया गया. सम्मान स्वरुप 251 पाउंड की राशि, शाल, शील्ड और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए. उच्चायोग द्वारा डॉ लक्ष्मीमल्ल सिंघवी हिंदी पुस्तक प्रकाशन अनुदान योजना के अंतर्गत हर वर्ष दो हिंदी पुस्तकों के प्रकाशन के लिए अनुदान भी दिए जाते हैं. इस वर्ष इस योजना के अंतर्गत ऋचा जैन जिंदल को उनके काव्य संग्रह ऋचाएं के लिए अनुदान स्वरुप 250 पाउंड की राशि और मानपत्र प्रदान किया गया.
इस कार्यक्रम में इन सम्मानों के अलावा विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर उच्चायोग में आयोजित बाल हिंदी कविता पाठ प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया. समारोह में ब्रिटेन के कई जानेमाने साहित्यकार और हिंदी सेवी मौजूद थे, जिनमें कादंबरी मेहरा, प्रो. श्याम मनोहर पांडेय, डॉ. अरुणा अजितसरिया, तेजेंद्र शर्मा, काउंसलर और लेखिका जकिया जुबैरी, शिखा वार्ष्णेय, रेडियो दिल से के रवि शर्मा और सरिता सभरवाल शामिल हैं. कौंसुलर (समन्वय) मोहम्मद राशिद खान, कौंसुलर (पासपोर्ट) राकेश नौटियाल और नेहरु सेंटर के उपनिदेशक श्री ब्रिज कुमार गुहारे भी उपस्थित थे. उप-उच्चायुक्त चरनजीत सिंह ने सम्मान पानेवाले साहित्यकारों और पुरस्कार पानेवाले बच्चों को बधाई दी और ब्रिटेन में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए उच्चायोग की प्रतिबद्धता दोहराई. हिंदी के प्रति अपने अनुराग की अभिव्यक्ति उन्होंने डॉ. हरिवंश राय बच्चन की कविता- 'नीड़ का निर्माण फिर-फिर' के पाठ से की. इस अवसर पर स्थानीय कवियों के एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जिनमें प्रमुख रूप से स्वाति पटेल, ऋचा जैन जिंदल, तिथि दानी, प्राची कुमार, शिखा वार्ष्णेय, इंदू बारेट, आशीष मिश्रा, आशुतोष कुमार चौधरी जैसे युवा स्वर शामिल हैं. तजेंद्र शर्मा ने बच्चों के लिए लिखी अपनी कविता पढ़ी. इन कवियों में से कुछ ने पहली बार मंच पर अपनी कविता पढ़ी थी. कार्यक्रम का संचालन अताशे (हिंदी व संस्कृति) द्वारा किया गया. कौंसुलर (समन्वय) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.