नई दिल्लीः राजधानी के 'नीरज फैंस क्लब' 'नवोदित प्रकाशन' के संयुक्त तत्वाधान में काव्य-गोष्ठी सम्पन्न हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता गोपालदास नीरज के प्रिय शिष्य डॉ संगमलाल त्रिपाठी 'भँवर' ने किया और मुख्य अतिथि राष्ट्रीय गीतकार डॉ जय सिंह आर्य 'जय' थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ शायर रामचन्द्र वर्मा 'साहिल' ने शिरकत की. काव्यगोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवन व सरस्वती वंदना से हुआ. इसके पश्चात बाल कवि अंश ने वीर रस से ओतप्रोत कविता 'भगत सिंह की तरह, मैं भी बोउँगा बन्दूक' का पाठ करके ऊर्जा का संचार किया, तो अभय ने माता-पिता पर कविता पढ़कर सराहना प्राप्त की. साहित्य नभ के अध्यक्ष युवा कवि मनोज कुमार 'मैथिल' ने रामायण की उपेक्षित पात्र उर्मिला पर काव्यपाठ किया. युवा गजलकार रमा शंकर त्रिपाठी ने समसामयिक व हरेंद्र यादव ने संबंधों पर लिखी अपनी गजलें पेश कीं.
कार्यक्रम में युवा कवयित्री चंद्रकांता शिवाल 'चंद्रेश' ने मां पर शानदार गजल पढ़ी. 'नीरज फैंस क्लब' के सचिव डॉ. प्रदीप सुमनाक्षर ने समसामयिक विषय पर काव्यपाठ किया. धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कवि ओंकार भारद्वाज ने ब्रज में हास्य रस के साथ श्रृंगार के वियोग पक्ष पर कविता पढ़कर विभोर किया. छंदों व सवैयों के लिए ख्याति प्राप्त युवा कवि मनोज मिश्रा 'कप्तान' ने नेताओं पर तीखे कटाक्ष किये. डॉ अखिलेश द्विवेदी 'अकेला' ने विश्व क्रांतियों में कवियों के योगदान पर कविता पढ़ी. डॉ. विनोद शंकर पांडेय 'व्यथित' की कविता 'खबरों की खबर लेता हूँ' बहुत सराही गयी. रामचन्द्र वर्मा 'साहिल' ने नीरज पर रचना पाठ किया. गीतकार डॉ. जय सिंह आर्य 'जय' ने वीररस के अपने तेवर को बदलते हुए श्रृंगार रस की गज़ल पढ़ी और कहा कि नीरज जी को श्रृंगार बहुत पसंद था इसलिए उन्हें इसी रस से याद किया जाए. डॉ संगमलाल त्रिपाठी 'भँवर' ने नीरज जी पर ढेरों संस्मरण सुनाये व रचना पाठ किया. मंच संचालक डॉ. अखिलेश द्विवेदी 'अकेला' ने धन्यवाद व्यक्त किया.