नई दिल्लीः हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी एवं दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधन में स्थानीय अमीर खुसरो सभागार में नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर परिचर्चा, भाषा गौरव शिक्षक सम्मान समारोह एवं काव्योत्सव सम्पन्न हुआ. दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के प्रबुद्ध शिक्षाविदों, विख्यात वक्ताओं, विषय विशेषज्ञों, विभिन्न संचार माध्यमों के पत्रकार, जाने-माने साहित्यकार, दिल्ली प्रदेश के 150 विद्यालयों के हिन्दी भाषा के सम्मानित होने वाले शिक्षकों सहित गुरुग्राम, गाज़ियाबाद तथा नोएडा के  भी कई विद्वत जनों की उपस्थिति रही. के. कस्तुरीरंगन समिति द्वारा मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नई शिक्षा नीति-2019 का प्रारूप सौंपने के बाद दिल्ली प्रदेश में इतने समृद्ध मंच पर पहली बार किसी संस्था द्वारा यह गंभीर परिचर्चा आयोजित हुई. इस परिचर्चा में प्रश्नोत्तर सत्र भी रखा गया था.
कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के भाषा शिक्षकों ने विशिष्ट वक्ताओं के सामने अपनी-अपनी जिज्ञासाओं को रखा और विस्तृत चर्चा की. याद रहे कि मानव संसाधन मंत्रालय ने 31 जुलाई तक नई शिक्षा नीति पर विभिन्न शैक्षिक संस्थानों, बुद्धिजीवियों, विचारकों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से अपने सुझाव देने के लिए कहा है. परिचर्चा सत्र में विशिष्ट वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव, हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा, लेखिका डॉ वर्तिका नन्दा, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष अवनीश कुमार, उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रो विशेष कुमार गुप्ता, शिक्षाविद प्रो. कुमुद शर्मा, पत्रकार दिनेश तिवारी तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष  सुधाकर पाठक ने अपने वक्तव्य दिये. काव्योत्सव सत्र में डॉ. लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, डॉ. बी.एल. गौड़, डॉ. लालित्य ललित, कमला सिंह ज़ीनत, डॉ. हरीश अरोड़ा, डॉ. रवि शर्मा 'मधुप', डॉ. धनेश द्विवेदी तथा डॉ. रमेश तिवारी उपस्थित थे. इस सत्र में विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों ने अपनी-अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का काव्यपाठ किया. विशिष्ट अतिथियों ने भी अपनी कविताओं और ग़ज़लों से सभागार को गुंजायमान बनाए रखा. काव्योत्सव सत्र में नन्हें बाल कवि जश्न महाला आकर्षण का केंद्र रहे.