नई दिल्लीः मध्य प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर के आर्यन  का कहना है कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि दैनिक जागरण, नईदुनिया जैसे हिंदी के प्रतिष्ठित अखबार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से मुझे मां हिंदी की सेवा का अवसर मिला. राष्‍ट्रीय स्‍तर की रचनाओं के बीच मिले सांत्वना पुरस्कार ने मुझमें नए उत्साह का संचार किया है. मां हिंदी के प्रति गर्व का भाव है और जीवन भर रहेगा. 16 वर्षीय आर्यन ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थी हैं. आर्यन ने स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के तहत दैनिक जागरण, नईदुनिया द्वारा आयोजित 'अखिल भारतीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता' में दस हजार रुपए का सांत्वना पुरस्कार अर्जित किया है. आर्यन को जब इसकी सूचना मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. आर्यन ने बताया कि उनके दादाजी राजकुमार श्रीवास्तव ने नईदुनिया पढ़कर इस निबंध प्रतियोगिता की जानकारी दी और सहभागिता करने के लिए प्रेरित किया. दादाजी के कहने पर इंटरनेट की सहायता से आर्यन ने पहले दिए गए विषय 'राष्ट्र निर्माण व युवा शक्ति' के संबंध में जानकारी एकत्रित की और फिर निबंध लिखा. याद रहे कि दैनिक जागरण द्वारा हम सबकी भाषा हिंदी को समृद्ध करने के उपक्रम 'हिंदी हैं हम' अभियान के तहत आयोजित इस निबंध प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में हिंदी लेखन का विकास करना और भविष्य में उन्हें हिंदी सेवी के रूप में तैयार करना है. दैनिक जागरण, नईदुनिया द्वारा अखिल भारतीय हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता में कोलकाता की हिंदी सेवी संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन और श्री सीमेंट का सहयोग मिला.
आर्यन ने बताया कि इस विषय पर पढ़ने के दौरान मुझे पता चला कि हमारे स्वाधीनता संग्राम सेनानियों ने कैसे-कैसे बलिदान दिए. मुझे अपने देश को मिली स्वतंत्रता का मोल समझ आया. स्वाधीनता और राष्ट्र के सेनानियों पर पढ़ते-पढ़ते मेरे भीतर रुचि जाग्रत होती गई और मुझे इस विषय में और जानने की इच्छा होती गई, इस दौरान पिताजी अनुराग श्रीवास्तव व मां वर्षा श्रीवास्तव ने भी कुछ बातों को समझने में सहायता की. इस तरह निबंध तैयार हुआ और स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानियों को प्रणाम करते हुए मैंने निबंध भेज दिया. जबलपुर के पंजाब बैंक कालोनी निवासी आर्यन का कहना है, 'इस प्रतियोगिता ने मेरे भीतर राष्‍ट्र के प्रति गहरा प्रेम जगा दिया है. अब मुझे समझ में आ रहा है कि हमें आज जो स्वतंत्रता मिली है, उसे पाने के लिए अगणित लोगों ने बलिदान दिया है. अब मैं जीवन भर इस स्वतंत्रता का मोल नहीं भूलूंगा और देश का सम्‍मान करूंगा. आर्यन को रचनात्मक लेखन में रुचि है. वे पहले भी कई विषयों पर निबंध लिख चुके हैं, साथ ही कविताएं भी लिखते हैं. रचनात्मक लेखन का यह हौसला भी दादा जी को लिखते देखकर ही मिला है. निबंध प्रतियोगिता में सांत्वना पुरस्कार मिलने के बाद आर्यन का मानना है कि इस पुरस्कार ने उन्हें आगे भी लेखन कार्य करते रहने के लिए प्रेरित किया है. आर्यन ने पढ़ाई में गणित और विज्ञान विषय लिया है. वे आगे चलकर आईएएस बनने और देश की सेवा करने की इच्छा रखते हैं. निबंध लेखन भी इसी तैयारी का एक हिस्सा है.