नई दिल्लीः अपनी भाषा हिंदी को समृद्ध और मजबूत करने के लिए दैनिक जागरण की अनूठी पहल 'हिंदी हैं हम' अभियान के मासिक कार्यक्रम के अंतर्गत 'दैनिक जागरण सान्निध्य' का दूसरा आयोजन राजधानी दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार रविंद्र भवन में 13 अक्तूबर को सायं 4 बजे से 7 बजे तक आयोजित हो रहा है. यह आयोजन सभी साहित्यप्रेमियों और लेखकों के लिए खुला है और हर महीने के दूसरे शनिवार को इसी जगह पर आोयजित होता है। पिछली बार की तरह इस बार भी यह दो सत्रों में विभाजित है, जिसमें कला, साहित्य, संस्कृत, समाज और अन्य ज्वलंत मुद्दों पर संबंधित क्षेत्र के दिग्गज रचनाकार, विशेषज्ञ विचारक श्रोताओं के समक्ष विचार-मंथन करेंगे. पहला सत्र 4 बजे से व्यंग्य पाठ पर आधारित है, जिसका विषय है 'व्यंग्य की समकालीनता'. इस सत्र का विषय प्रवर्तन और संचालन करेंगे ललित लालित्य और भाग लेने वाले व्यंग्यकार हैं, प्रेम जनमेजय, सुभाष चंदर, आलोक पुराणिक, सुनीता सानू और पियूष पांडे.  दूसरा सत्र सायं 5.30 बजे से कविता पाठ पर आधारित है. आमंत्रित कवि हैं लीलाधर मंडलोई, तजेंद्र सिंह लूथरा, निखिल आनंद गिरि, अरुणाभ सौरभ, पूनम अरोड़ा और पूजा पुनेठा.

याद रहे कि 'दैनिक जागरण सान्निध्य' का पहला आयोजन 15 सितंबर को हुआ था जो काफी चर्चित और सफल रहा था। तब दो सत्रों के इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र 'समकालीन कविता के स्वर' में हेमंत कुकरेती, प्रो. जितेंद्र श्रीवास्तव, लीना मल्होत्रा और उमाशंकर चौधरी ने शिरकत की और काव्य पाठ किया था. दूसरे सत्र का विषय था 'स्त्री लेखनः स्वप्न और संघर्ष'. विषय प्रवर्तन बलराम ने किया था और भाग लेने वाली वक्ता थीं, वंदना राग, ज्योति चावला और प्रज्ञा.  वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया ने दोनों सत्रों की अध्यक्षता करते हुए महत्त्वपूर्ण वक्तव्य दिया था. वक्ताओं के अलावा इसमें सुधीश पचौरी, क्षमा शर्मा, भगवानदास मोरवाल, अदिति माहेश्वरी गोयल, प्रेम भारद्वाज जैसे साहित्यकार, प्रकाशक, संपादक व लेखक भी भारी संख्या में मौजूद थे. तब मथुरा और कोलकाता से आए साहित्यप्रेमियों, रंगकर्मियों के स्वतःस्फूर्त सवालों ने पहले ही आयोजन की देशव्यापी पहुंच का भान करा दिया था. इस कार्यक्रम का फेसबुक पर लाइव प्रसारण भी किया गया था।