नई दिल्लीः यह देश संभावनाओं का देश है. कल का भी और आपके सपनों का भी. शायद इसीलिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों से देश में उभरते अवसरों का पता लगाने के लिए भारत आने और नवाचार करने की अपील की. प्रधान ने भारत में अंतिम मील ऊर्जा उपयोग पर युवा विदेशी भारतीय विद्वानों, छात्रों और दोस्तों के एक उत्साही समूह के साथ लंबी बातचीत की. इस ई-बैठक का आयोजन प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के लीड इंडिया ग्रुप, थिंक इंडिया पर्ड्यू, मैरीलैंड विश्वविद्यालय में डेवलप एम्पावर एंड सिनरगाइज इंडिया ग्रुप ने किया था.
इस अवसर पर देश, देश में अवसर और भारत की ऊर्जा दृष्टि की चर्चा करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कोरोना काल में देशवासियों के साथ सरकार के हरदम खड़ा की रहने की बात की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नज़र से कोई क्षेत्र अछूता नहीं है. खुद उनके मंत्रालय के लिए भी भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए उनके पास एक स्पष्ट रोडमैप है, जो पांच प्रमुख तत्वों जैसे ऊर्जा उपलब्धता और सभी के लिए सुलभता, गरीबों में सबसे गरीब लोगों के लिए ऊर्जा सामर्थ्य, ऊर्जा के उपयोग में दक्षता, एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक के रूप में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ऊर्जा स्थिरता और वैश्विक अनिश्चितताओं को कम करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित है. उन्होंने भारत में शोध के बढ़ते अवसरों के साथ ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, भारत की ऊर्जा कूटनीति, गैस आधारित अर्थव्यवस्था आदि की भी बात की.