नई दिल्लीः दिव्यांगजनों की पठन आवश्यकताओं पर आधारित थीम प्रस्तुति यानी 'थीम मंडप' मानव समाज के एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्से, जिसे आमतौर पर दिव्यांग कहते हैं, के जीवन और संघर्षों, विफलताओं और सफलताओं, आनंद और नैराश्य आदि विविध पक्षों पर प्रकाश डालती है. थीम का उद्देश्य इस विशिष्ट समुदाय की आकांक्षाओं, साथ-ही-साथ, उनकी उपलब्धियों को, सामान्य लोगों के बीच उनके बारे में एक बेहतर समझ विकसित करने के विचार से, प्रस्तुत करना है. इस थीम को प्रदर्शित करने हेतु हॉल नं. 7 में एक विशिष्ट डिसेबल्ड फ्रेंडली मंडप का निर्माण किया गया है जहाँ व्हीलचेयर्स, हर तरफ स्टील रेलिंग तथा संकेत भाषा के दुभाषिए हैं, यहां ब्रेल पुस्तकों, स्पर्शनीय पुस्तकों, मूक पुस्तकों, ऑडियो पुस्तकों, समेकित मुद्रित ब्रेल पुस्तकों, विशेष आवश्यकता वाले दृष्टिबाधित या श्रवणबाधित बच्चों पर आधारित 500 पुस्तकों की विशेष प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र है. ऑल इंडिया कॉनफेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड्स द्वारा ऑर्बिट रीडर, सिग्नेचर गाइड, टाइप सहित अर्थमेटिक फ्रेम, स्टाइल्स के साथ आईपी ब्रेल स्लेट, ज्योमेट्री किट, परकिंस ब्रेल आदि सामग्री की प्रदर्शनी इस थीम मंडप की अन्य विशेषता है. इस मंडप में फैमिली ऑफ डिएबल्ड द्वारा पेंटिंग, मूर्तियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. 'माइक्रोसॉफ्ट' द्वारा डिजिटल अभिगम्यता उपकरण पर मंडप के बीच में विशेष रूप से निर्मित अवलोकन बूथ बनाया गया है. इस बूथ पर जाकर पाठक 'माइक्रोसॉफ्ट' द्वारा निर्मित दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल साधनों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इस विशेष अवलोकन बूथ पर आकर पता चलता है कि प्रौद्योगिकी ने दिव्यांगजनों हेतु लेखन एवं पठन को कितना आसान बना दिया है.

थीम मंडप पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास तथा ऑल इंडिया कॉन्फेडेरेशन ऑफ द ब्लाइंड द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें दृष्टिबाधित कवियों द्वारा अनेक कविताएं सुनाई गईं. कार्यक्रम में उपस्थित कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से फ्रांस के शिक्षाविद् तथा ब्रेल लिपि के अन्वेषक लुई ब्रेल की महानता को सराहा. इस अवसर पर लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, डॉ. सारस्वत मोहन 'मनीषी', महेंद्र शर्मा, डॉ प्रेम सिंह, डॉ राम अवतार शर्मा, दयाल सिंह पंवारए. के. दीक्षित, अनुराग पाठक, बिमला नेगी आदि उपस्थित थे. इसी तरह लेखक मंच पर सुरुचि प्रकाशन द्वारा 'पुस्तक परिचय एवं परिचर्चा' में दो पुस्तकों का लोकार्पण हुआ. इस कार्यक्रम में एनबीटी के अध्यक्ष प्रो. बल्देव भाई शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरीन्द्र कुमार ने किया. सुरुचि प्रकाशन के प्रबंधक गौतम सपरा भी उपस्थित थे. जर्मन बुक ऑफिस द्वारा रिफ्लेक्शंस एवं कनवर्सेशंस में प्रसिद्ध लेखक डॉ. क्यू ए आशोब के साथ एक बातचीत आयोजित की गई. कार्यक्रम में डॉ. आशोब ने अपनी पुस्तक 'ओपन सीक्रेट- अ की टू सक्सेस' के बारे में चर्चा की. लेखक ने अवचेतन मन के बारे में भी बात की. उनके अनुसार, जो चीजें हम देखते हैं, उन्हें अवचेतन मन में छवियों के रूप में अंकित करते हैं और बाद में इन छवियों को शब्दों का रूप देते हैं. इसी थीम मंडप पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत तथा इनसाइड मी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में दृष्टिबाधित बच्चों द्वारा चित्रकारी का हुनर प्रदर्शित किया गया. इनसाइड मी की निदेशक-सह-आर्ट थेरापिस्ट शिवानी भारद्वाज के निर्देशन में कार्यक्रम में बच्चों ने क्रेयॉन्स और विशेष उपकरण की मदद से कागज़ पर चित्र उकेरने के कौशल का प्रदर्शन किया.एक अन्य कार्यक्रम में, पिंगलवाड़ा संस्था के दिव्यांग बच्चों द्वारा नृत्य एवं गायन प्रस्तुत किया गया. इन दिव्यांग बच्चों के नृत्य एवं गायन कौशल को देखकर दर्शक अचंभित हो गए. यहां प्रतिदिन 'वी केअर' द्वारा फिल्म का प्रदर्शन किया जा रहा है.