पटना, बिहार, पटना कालेज में हिंदी सह जनसंचार विभाग में गोस्वामी   तुलसी जयन्ती मनाई गई।भारतीय जनमानस में बेहद लोकप्रिय रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास की जयंती पर पटना विश्विद्यालय के कुलपति प्रो रासबिहारी सिंह ने कहा " तुलसीदास उत्तरभारत के घर-घर के कवि और नायक थे।उनकी कृति रामचरितमानस उत्तर भारत के सभी घरों में पाई जाती है। '' कुलपति ने तुलसीदास के बहाने छात्रों को अनुशासित रहने की भी सलाह दी।  हिंदी विभाग के प्रोफेसर व  सुप्रसिद्ध आलोचक तरुण कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवर्तन किया " तुलसी दास अपनी काव्यगत  विशिष्टताओं के कारण आज भी प्रासंगिक हैं। वस्तुतः वे सर्वकालिक और सार्वदेशिक कवि हैं।"

मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए हिंदी  के आलोचक तथा विश्वभारती शांति निकेतन के  सेवानिवृत्त शिक्षक  सियाराम तिवारी ने तुलसी की लोकप्रियता और उनके महत्व पर प्रकाश डाला। इसी दौरान उन्होंने तुलसी दास से संबंधित कुछ विवादित पंक्तियों की व्याख्या करते हुए कहा " तुलसी के कथन न केवल शास्त्रसम्मत बल्कि लोकसम्मत भी हैं। तुलसी ने शब्दों का जागरूक और व्याकरण सम्मत प्रयोग किया है। तुलसीदास का हर शब्द संगत है तथा शास्त्रों की सीमा के अंदर है।पटना कालेज के प्राचार्य एजाज अली अरशद ने अपने अध्यक्षीय  संबोधन में कहा " तुलसी का महाकाव्य आज भी जिंदा है।"

इस मौके पर बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक मौजूद थे। प्रमुख लोगों में जनसंचार विभाग के   शिक्षक गौतम कुमार, प्रमोद कुमार, मुद्दसिर सिद्दीकी, धर्मेंद्र कुमार, उग्रानंद झा  आदि मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन प्रो विभा ने किया।