मॉमस्प्रेसो एक ऐसा ब्लॉग है, जहां मां हिंदी में अपने बच्चों के पालन-पोषण की चुनौतियों, बच्चों की बढि़या देखभाल, व्यक्तित्व विकास के बारे न सिर्फ सवाल पूछ सकती हैं, बल्कि जवाब भी दे सकती हैं। इसके माध्यम से वे कमाई भी कर सकती हैं। यह मोबाइल एप के रूप में भी उपलब्ध है।
मां होने और बच्चों के पालन-पोषण की अपनी चुनौतियां हैं। एकल परिवार के इस युग में यदि मां को अपने बच्चे की देखभाल के लिए मार्गदर्शन की जरूरत पड़े या अन्य माताओं को लाभ पहुंचाने के लिए कुछ शेयर करने की इच्छा हो तो वे क्या करें? इसी समस्या का हल निकालने के लिए विशाल, प्रशांत और आसिफ को माताओं द्वारा माताओं के लिए समर्पित कम्युनिटी बनाने का विचार आया और प्रेरित होकर उन्होंने बनाया- मॉमस्प्रेसो। यह प्लेटफार्म ज्यादातर ब्लॉग स्पेस की तरह काम करता है, जहां माताएं दूसरी माताओं के लिए अपने अनुभव और सलाह शेयर कर सकती हैं।
मौजूदा परिदृश्य में मॉम्सप्रेसो जैसे कई डिजिटल कंटेंट प्लेटफाॅर्म्स ने यूजर्स को अंग्रेजी की बजाय क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट पढ़ने की यूजर्स की प्रवृत्ति को पहचाना है। हिंदी भाषा के उपभोक्ता तेजी से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक 2021 तक अंग्रेजी भाषा के मुकाबले हिंदी पढ़ने वाले बढ़ जाएंगे। मॉमस्प्रेसो के डिजिटल कंटेंट वेबसाइट पर पहले से ही 1,000 हिंदी ब्लॉगर्स और 10,000 हिंदी भाषा ब्लॉग्स उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं, लखनऊ मॉमस्प्रेसो पर रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्या में नंबर दो पर है। नंबरों के हिसाब से टॉप 10 शहरों में जयपुर, इंदौर, पटना, आगरा और चंडीगढ़ भी शामिल हैं।
• मॉमस्प्रेसो की योजना ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए और क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़ने की है।
• हर तबके की माताओं को जोड़कर महिलाओं का सबसे बड़ी कम्युनिटी बनाने का लक्ष्य।
• किस तरह कंपनी माताओं को ब्लॉगिंग के जरिये अपनी नई पहचान बनाने में मदद कर रही है।
• आवश्यक टारगेट ऑडियंस तक पहुंचने के लिए प्लेटफार्म पर ब्रांड्स को टैप कर रहा है।
• भारत का पहला मॉम-केंद्रित वीडियो चैनल बना रही है, जिस पर माताओं के लिए समर्पित विषयों पर 500 से ज्यादा वीडियो
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