पटना: बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन ने चिंतक, चिकित्सा शिक्षा-शास्त्री, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित और पटना यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ एस एन पी सिन्हा द्वारा विविध विषयों पर लिखे गए उनके 52 आलेखों के संकलन 'असतो मा सद्गमय' का लोकार्पण समारोह आयोजित किया, जिसमें पटना के साहित्य, चिकित्सा, न्याय व शिक्षा जगत की तमाम हस्तियां मौजूद थीं. 'मृत्योर्मा अमृतं गमय' नामक प्रथम खंड में डा सिन्हा ने चिकित्सा-शास्त्र के अपने ज्ञान और अनुभव के साथ आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के कतिपय दोषों का भी उद्घाटन किया है, तो नशा ग्रस्त नई पीढ़ी पर चिंता व्यक्त की है. 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' तथा 'असतो मा सद्गमय' खंडों में संकलित उनके लेख भारतीय दर्शन और चिंतन की व्याख्या करते प्रतीत होते हैं, तो सद्भावना के अंतिम खंड, 'नमसा विधेम' में वेद वेदांग पोषित उनके विचारों को अभिव्यक्ति मिलती है. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सम्मेलन अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने कहा कि डॉ एस एन पी सिन्हा सभी के प्रति करुणा और सद्भाव रखने वाले, मांगलिक-भाव के साधु पुरुष हैं. इन्होंने वेदों के साथ भारतीय दर्शन और साहित्य का व्यापक अध्ययन किया है और उन्हें जीवन में उतारा भी है. आज के लोकार्पित ग्रंथ में चार अलग-अलग खंड हैं. संस्कृत और हिंदी के विद्वान पं भवनाथ झा ने इस पुस्तक का संपादन किया है.

पुस्तक का लोकार्पण पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने किया. उन्होंने कहा कि डॉ सिन्हा ने अपने लेखों के माध्यम से आज की अनेक समस्याओं पर समाज का ध्यान खींचा है. पुस्तक के संपादक पं भवनाथ झा ने कहा कि इन सभी आलेखों में लेखक की मौलिक दृष्टि है और वे गीता के माध्यम से धार्मिक सद्भाव का संदेश देते हैं. पुस्तक के लेखक डॉ एस एन पी. सिन्हा ने कहा कि लोकार्पित पुस्तक अलग-अलग समय में अलग-अलग विषयों पर लिखे गए मेरे आलेखों का संकलन है. हमें अपनी संकीर्ण भावना को उच्च आध्यात्मिक भावना में बदलना चाहिए, इस पुस्तक का आशय यही है. सम्मेलन के वरीय उपाध्यक्ष नृपेंद्र नाथ गुप्त, डा शंकर प्रसाद, डॉ. भावना शेखर, डॉ. कुमार इंद्रदेव, प्रो इंद्र कांत झा, कुमार अनुपम, डॉ. अर्चना त्रिपाठी, राज कुमार प्रेमी, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, डॉ. विनय कुमार विष्णुपुरी, आराधना प्रसाद, डॉ. बी एन विश्वकर्मा, जय प्रकाश पुजारी, शुभचंद्र सिन्हा, पं गणेश झा, डॉ. अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, बच्चा ठाकुर, राज कुमार प्रेमी, प्रभात धवन, डॉ. मीना, लता प्रासर, डॉ. नागेश्वर प्रसाद यादव, प्रभात वर्मा, सिद्धेश्वर, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्ता, रवींद्र सिंह, राम किशोर सिंह 'विरागी' तथा नरेंद्र देव ने भी अपने विचार रखे' स्वागत सम्मेलन के प्रधानमंत्री डॉ. शिववंश पाण्डेय ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रबंध मंत्री कृष्ण रंजन सिंह ने किया. संचालन किया योगेन्द्र प्रसाद मिश्र ने