नई दिल्लीः जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय हिंदी को बढ़ावा देने के प्रयास में अन्य विश्वविद्यालयों से कदमताल कर रहा है. इसके लिए बाकायदा 'जामिया दर्पण' नाम की पत्रिका न केवल प्रकाशित की जा रही बल्कि उसके अंकों के लोकार्पण कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर भी मौजूद रहते हैं. इसी क्रम में 'जामिया दर्पण' द्वितीय अंक का लोकार्पण प्रोफेसर नजमा अख्तर, मानविकी एवं भाषा संकाय के डीन प्रोफेसर वहाजुद्दीन अल्वी एवं कुलसचिव ए. पी. सिद्दीकी की मौजूदगी में संपन्न हुआ. लोकार्पण के उपरांत एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन हुआ. कुलपति नजमा अख्तर ने हिंदी भाषा की महत्ता पर प्रकाश डाला और कार्यालयी कार्यों में हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग के लिए सबको प्रेरित किया.
लोकार्पण के पश्चात हुई काव्य गोष्ठी में डॉ. दिलीप कुमार शाक्य, डॉ. रश्मि भारद्वाज, रणविजय राव, तृप्ति अग्रवाल, शशि किरण एवं मनोज भावुक ने अपनी कविताओं का पाठ किया. कार्यक्रम का संचालन जामिया के हिंदी अधिकारी एवं 'जामिया दर्पण' के संपादक डॉ. राजेश कुमार 'माँझी' ने किया. इस कार्यक्रम में राजकुमार अनुरागी, प्रबंधक, नवजागरण प्रकाशन, नई दिल्ली की ओर से मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा सभी आमंत्रित कवियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया. कनीज़ फातिमा, सहायक कुलसचिव और संपादक मंडल की सदस्या ने कार्यक्रम को सुचारू रूप देने में अहम भूमिका निभाई. संपादक मंडल के अन्य सदस्यों सहित जामिया के अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों एवं छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.