नई दिल्लीः  भारतेंदु हरिश्चंद्र के तुरंत बाद हिंदी साहित्य को अपनी कालजयी काव्य रचनाओं और नाटकों से समृद्ध कर देने वाले जयशंकर प्रसाद को महाकवि और नाटक-सम्राट् यों ही नहीं कहा जाता है. राजधानी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में महाकवि जयशंकर प्रसाद फाउंडेशन ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर महाकवि को अपने अनोखे अंदाज में याद किया. इस अवसर पर 'काव्य गोष्ठी' के आयोजन के साथ 'कामायनी' महाकाव्य पर आधारित नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत की गई. सुप्रसिद्ध नृत्यांगना अनु सिन्हा ने अपने शिष्यों के साथ नृत्य नाटिका के द्वारा 'कामायनी' के प्रसंगों को जैसे जीवंत कर उपस्थित दर्शकों, जिनमें ज्यादातर साहित्यकार, कथाकार व कलामर्मज्ञ थे, का मन मोह लिया.
इस अवसर हंसराज कॉलेज की प्राचार्या एवं महाकवि जयशंकर प्रसाद फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ रमा ने महान सृजनकर्मी की याद के साथ ही उपस्थित लोगों का स्वागत व आभार दोनों प्रकट किया. कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ.  इस अवसर पर नाट्य प्रस्तुति के साथ ही काव्यपाठ का भी आयोजन हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात ग़ज़लकार बाल स्वरूप राही ने की. काव्य पाठ में राजधानी के चर्चित कवियों अनिल जोशी, नरेश शांडिल्य, अलका सिन्हा, आशीष कंधवे, अनिल वर्मा 'मीत' आदि ने अपनी उम्दा कविताएं सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी. कार्यक्रम का संचालन राजेश चेतन ने किया. संयोजक के रूप में डॉ. विजय कुमार मिश्र ने अपनी भूमिका कुशलतापूर्वक निभाई.