लखनऊ: सनतकदा संस्था के द्वारा बेगम अख्तर की मजार पर गजलों के कार्यक्रम के जरीये उनको याद किया गया. लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित पंसदबाग में मजार है. कोलकाता से आई वरिष्ठ शास्त्राीय गायिका किराना घराने की कोमल दास गुप्ता ने अपनी दिलकश अंदाज में ठुमरी, दादरा, गजल पेश की. कोमल दास गुप्ता की गजल ‘इश्क में रहजन ओ रहबर नहीं देखे जाते’ ने पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई. कोमल दास के द्वारा गाया गया दादरा ‘जरा धीरे से बोलो कोई सुन लेगा’, ‘बलमावा न जाये’, और ‘जपते जपते’ सुनाया. इसके साथ कोमल ने सबसे पंसद की जाने वाली गजल ‘वो जो हममे तुममे करार था’ भी सुनाया.

कार्यक्रम की शुरूआत भातखंडे संगीत महाविद्यालय की कुलपति श्रुति सडोलीकर काटकर ने श्रद्वाजंलि अर्पित कर किया.इसके बाद सलीम किदवई, अमित मुखर्जी, नूर खान, ममता वर्मा, सुपिफया किदवई, माध्वी कुकरेजा, असकरी नकवी, हमीदा खातून सहित कई लोगों ने मोमबत्ती रोशन कर श्रद्धांजलि अर्पित की.