लखनऊ: कृष्णमोहन मिश्र के उपन्यास रामकथाका विमोचन उत्तर प्रदेश पर्यटन भवन के सभागार में हुआ. विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश विधनसभा के अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता डाक्टर शंभूनाथ ने की. ह्रदय नारायण दीक्षित ने कहा इतिहास और काल्पनिक कथाओं में अंतर होता है. श्रीरामकथा का प्रमाणिक इतिहास है. उसके सभी पात्रा ऐतिहासिक है. उनकी कथा और उससे जुडे ऐतिहासिक तथ्यो को प्रमाणिक आधर पर  ही लिखना चाहिये. रामकथा कभी भी खत्म होगी. यह हमेशा हर काल में प्रभावी रही है. आगे भी कभी खत्म नहीं होेगी.’ 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिदीं संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष डाक्टर शंभूनाथ ने कहा रामकथा की भाषा बेहद सरल और सरस है.इसमें श्रीराम के महान चरित्र के दर्शन होते है. यह रामकथा प्रमाणिक तथ्यों के साथ भी नवीनता लिये हुये है.कृष्णमोहन मिश्र के उपन्यास रामकथामें नवीनता है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों और शोधग्रंथों को पूरा महत्व दिया गया है. आमतौर पर पुस्तक लेखक नवीनता के मोह में शोध ग्रंथों को दरकिनार कर देते है. संदर्भ सहित लेखन में मौलिकता के साथ प्रमाणिकता भी मौजूद है. ऐसे में यह सहज रूप से पढने की जिज्ञासा को जगाती है. इस मौके पर शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।