पटना, 16 सितंबर ।  माउंट कार्मेल स्कूल में कार्मेल एलुमिनी एसोसिएशन के तत्वाधान में कहानीघर  द्वारा ' अकादमिक जगत में आलोचनात्मक चिंतन की बारीकियोंविषय पर शिक्षकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की शुरुआत करते हुए 'निफ्ट ', गांधीनगर के पूर्व प्रोफेसर  एवं कहानीघर के संस्थापक  रॉनी बनर्जी ने वर्तमान शैक्षणिक परिवेश में आलोचनात्मक  सोच के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि ' हमारे देश में  नवाचार और  शोध की बहुत जरूरत है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि हम बच्चों में स्कूल से  सृजनात्मक चिंतन को बढ़ावा दें। आज के परिवेश में शिक्षा का मशीनीकरण होता जा रहा है। स्मार्ट क्लासेज, वर्चुअल क्लासरूम व ऑनलाइन क्लासेज इन सब के बढ़ते प्रचलन ने क्लास रूम के अंदर जो समन्वय होता है वह  घटता जा रहा है। साथ ही साथ बच्चों में इस मशीनीकरण के कारण चीजों को समझने और सीखने की प्रवृत्ति घटती जा रही है और बनिस्पत विषयों को, यहाँ तक कि गणित को भी रट लेने की प्रवृत्ति का विकास होता जा रहा है। "

 इस दौरान उन्हें सत्यजीत रे द्वारा निर्मित शार्ट फ़िल्म टूदिखाई गई। इस फ़िल्म के माध्यम से बच्चों की मनःस्थिति को समझाने का प्रयास किया गया कि आज किस प्रकार बच्चों में कम्पटीशन की भावना बढ़ गयी है। 

कार्यशाला समन्वयक अमित विक्रम ने भी कुछ कहानियों के माध्यम से ही विषयों को बाल सुलभ एवं सुगम बनाने की तकनीकों पर प्रकाश डालते हुए  कहा " यह  एक विचार प्रक्रिया है और एक संवाद कायम करने की विधि है जिस से छात्रों से बेहतर संवाद स्थापित कर विषयों को सरल बनाया जा सकता है।  दादी नानी की कहानियां जिनका बच्चों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है वह फिर से पुनर्जीवित हो सके।

 कार्मेल एलुमिनी एसोसिएशन की सदस्या, नमिता सिंह ने बताया  "  घर में, परिवार में, स्कूलों में, कॉलेजों में और जीवन के विभिन्न आयामों में क्रिटिकल थिंकिंग को स्थापित किए जाने की जरूरत है। बाल-विकास  के लिए क्रिटिकल थिंकिंग का महत्व सर्वोपरि है। इस से हमारी कल्पना शक्ति में सुधार होती है हम नई चीजें सोच पाते हैं और सृजनात्मक कार्यों में हमारी अभिरुचि का विकास होता है।"

विद्यालय के कई शिक्षिकाओं ने भी स्टोरी बोर्ड और सत्यजीत रे की मूक फ़िल्म पर आधारित कहानी लेखन के जरिए कार्यशाला में अपने अनुभवों की प्रस्तुति की। 

इस कार्यशाला में सिस्टर प्रिस्का डिमेलो, भवानी शारदे, कार्यशाला में 'कहानीघर' की ओर से नीलिमा जी एवं अभिषेक कुमार ने कार्यशाला के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई। 

अर्चना सिन्हा, अनुष्का अर्पण, आरती प्रसाद, रीता सिन्हा, नीलम कुमारी, जॉय सरिता सुख,अज़रा रक़ीब सहित कुल चालीस  शिक्षकों ने भाग लिया।