नई दिल्ली: सर्वाधिक जलराशि लेकर बहने वाली दुनिया की सबसे बड़ी अमेजन नदी के तरंगों पर मुस्कान बिखेरती गुलाबी डॉल्फिन, अटाकामा मरूस्थल के अनंत में डूबते सूरज और इगेजू जलप्रपात के हजार इंद्रधनुष के रंगों में बिखरे जीवन की अनुभूतियों को समेटे मेडागास्कर में भारत के राजदूत एवं कवि अभय कुमार का काव्य संग्रह ‘द अल्फोबेट्स ऑफ लैटिन अमेरिका’ का विमोचन हुआ. ब्लूम्सबेरी इंडिया से प्रकाशित अभय के. के इस काव्य संग्रह की विशेषता यह है कि इसके अध्याय को अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर ‘ए’ से ‘जेड’ के क्रम में रखा गया है. इस काव्य संग्रह में कवि की वर्ष 2016-19 के बीच की लैटिन अमेरिकी यात्रा की अनुभूतियों का जीवंत चित्रण है.
बिहार से नाता रखने वाले अभय कुमार की इन कविताओं में सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से समृद्ध दक्षिण अमेरिका महादेश की सैर है, जहां माया और इंका सभ्यताओं का विकास हुआ. इस काव्य संग्रह पर क्यूबा के महान कवि विक्टर रॉड्रिग्ज ने अपनी टिप्पणी में कहा, “इस मौलिक काव्य संग्रह के लिए दक्षिण अमेरिका महादेश के लोग अभय के सदैव आभारी रहेंगे. कवि की गंभीर समझ और संवेदनशीलता से प्रस्फुटित कविताएं प्रेम गीत हैं, जो हमारी महान सभ्यता और संस्कृति का मान बढ़ाता है और हमें गौरवान्वित करता है.” वर्ष 2003 से 2007 तक भारत में चिली के राजदूत रहे चुके जॉर्ज हीन का कहना था, “ऐसे समय में जब लैटिन अमेरिका इस शताब्दी के सबसे बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है तब भारतीय कवि अभय के. ने अपनी कविताओं के माध्यम से हमें हमारे आकर्षक यथार्थ की धरती के आश्चर्यों का स्मरण कराया है.”