देवासः किसी भी महापुरुष को समझने के लिए दो महत्त्वपूर्ण चीजों की ज़रूरत होती है उसकी कमजोरी और उसकी ताकत. इन दोनों को जब हम बारीकी से समझने लगते हैं तो हम उनके ताकतवर पक्ष प्रेम के आगोश में समा जाते हैं. यही उनकी ताकत है. आजकल हम जिस तरह गाँधी को याद कर रहे हैं उसमें सरकारी कार्यक्रमों से इतर असरकारी कार्यक्रम के मूल में यही है. स्थानीय स्कॉलर्स एकेडेमी में साहित्यिक संस्था ओटला तथा मप्र हिंदी साहित्य सम्मलेन के संयुक्त आयोजन में युवा  गांधीवादी विचारक एवं कार्यकर्ता पराग मांदले ने यह बात कही. वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक एवं सर्वोदयी कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने कहा कि गांधी एक वैश्विक महामानव हैं. वे एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन पर पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा किताबें लिखी गई हैं. मानव सभ्यता के सबसे हिंसक समय में उन्होंने अहिंसा के अपने सिद्धांत के जरिये हिंदुस्तान को आज़ादी दिलाने में अहम् भूमिका निभाई. संचालक राजेश सक्सेना ने कहा कि उदार मानवता के सभी सभ्य सिद्धांत गांधी में अपनी गति पाते हैं, दो शताब्दियों से गांधी हमारे लिए और दुनिया के लिए एक प्रकाश स्तम्भ की तरह हैं.

उद्बोधन के पश्चात् अतिथि वक्ताओं ने श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिए. इस अवसर पर अशोक नगर के चित्रकार पंकज दीक्षित एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन खरगोन ने  गांधी पर केंद्रित पोस्टर प्रदर्शनी के साथ पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई.इस कार्यक्रम में सरस्वती ज्ञान पीठ, इंग्लैंडियन स्कूल और स्कॉलर्स एकेडेमी के विद्यार्थियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की. इस दौरान वरिष्ठ कवि नरेन्द्र जैन, नीलोत्पल, सरोज मिश्र, बीना स्वामी, वैष्णवी स्वामी, देवास से प्रकाश कान्त, विक्रम सिंह गोहिल, ओंकारेश्वर गहलोत, एसएम त्रिवेदी, एसएन सोनी, अजीज रोशन, यूएस नागर, रेखा उपाध्याय, छाया  गांधी, लीला राठौर, संजीवनी कान्त, शोभा सिंगणे, कृष्णा तंवर, नीलू सक्सेना, इंदिरा पटेल, कविता जोशी, निहारिका देशमुख, अमेय कान्त, श्रीकांत तेलंग, पंकज पालया, बद्रीलाल पटेल, कमल सूर्यवंशी, कृष्ण पटेल, पीएन तिवारी, मनीष कुमावत, केदार मंडलोई, महेश पटेल, संदीप नाईक, दिनेश पटेल, मेहरबान सिंह, वैभव देशमुख, बहादुर पटेल आदि साहित्य व गांधी प्रेमी उपस्थित थे. आभार ज्ञापन ज्योति देशमुख ने दिया.