लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ने उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित 'सम्मान समारोह' में डॉ ऊषा किरण खान को 'भारत-भारती सम्मान' प्रदान किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का मार्गदर्शक होता है. साहित्य का अर्थ है, जिसमें सबका हित हो. साहित्य के माध्यम से ही हम किसी समाज, राष्ट्र व संस्कृति को संबल प्रदान कर सकते हैं. साहित्यकार को समाज की ज्वलंत समस्याओं को रचनात्मक दिशा देने का प्रयास करना चाहिए. जब हम अपनी लेखनी को खेमे, क्षेत्रीयता व जातीयता में बांटने का प्रयास करेंगे तो इससे साहित्यिक साधना भंग होगी, साथ ही समाज व देश का बड़ा नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि साहित्य को अपना जीवन समर्पित करने वाले महान साहित्यकारों को सम्मानित करना मेरे लिए गौरवपूर्ण है. साहित्य समाज का दर्पण होता है. इससे समाज की दिशा तय होती है.

इस अवसर पर डॉ मनमोहन सहगल को 'लोहिया साहित्य सम्मान' व डॉ बदरी नाथ कपूर को 'हिन्दी गौरव सम्मान' प्रदान किया. हालांकि, डॉ. बदरी अस्वस्थ होने के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके. मुख्यमंत्री ने भगवान सिंह को 'महात्मा गांधी साहित्य सम्मान' व डॉ ओम प्रकाश पाण्डेय को 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान' से नवाजा. डॉ कमल कुमार को 'अवंतीबाई साहित्य सम्मान' व मणिपुर हिंदी परिषद इंफाल के महासचिव डॉ अरिबम्ब ब्रज कुमार शर्मा को 'राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन सम्मान' दिया गया. डॉ उदय नारायण गंगू को 'प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान' व डॉ बंडार मेणिके विजेतुंग को 'हिंदी विदेश प्रसार सम्मान' से सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री ने 'पं दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान' से सम्मानित डा ओम प्रकाश पाण्डेय द्वारा रचित पुस्तक 'सांस्कृतिक विचार की अविराम भारतीय यात्रा' का विमोचन किया. कार्यक्रम में विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह, हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ सदानन्द प्रसाद गुप्त तथा निदेशक श्रीकान्त मिश्र सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित थे.