नोएडाः सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था उद्भव के अध्यक्ष, कवि एवं शिक्षाविद् डॉ. विवेक गौतम को मारवाह स्टूडियो में आयोजित तीन दिवसीय 'ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल 2019' के अंतिम दिन भारत में रोमानिया के राजदूत राडू ऑक्टेवियन डोबरे और मारवाह स्टूडियो के अध्यक्ष संदीप मारवाह द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय सम्मान-2019 से नवाजा गया. इस साल डॉ विवेक गौतम के साथ-साथ यह सम्मान वरिष्ठ लेखिका और बाल भवन दिल्ली की पूर्व निदेशक मधु पंत, शास्त्रीय संगीत जगत के उस्ताद इकबाल अहमद ख़ान, साहित्य-सेवा में प्रेम भारद्वाज ज्ञानभिक्षु को प्रदान किया गया गया. इसी आयोजन में पहले दिन प्रख्यात लेखिका अमृता प्रीतम को समर्पित कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें संदीप मारवाह, प्रेम भारद्वाज ज्ञान भिक्षु, शिवानंद शर्मा, राणा यशवंत, रमा सिंह और वरिष्ठ कवि दिविक रमेश ने शिरकत की. सुशील भारती ने मंच संचालन किया.
इस मौके पर वक्ताओं ने पत्रकारिता और साहित्य पर विचार रखते हुए कहा कि पत्रकार प्राय: तात्कालिक बाह्य घटना क्रम से रूबरू होता है जबकि साहित्यकार का संबंध मनुष्य की भीतरी संवेदनशील और जागरूक दुनिया से रहता है. पत्रकार यदि साहित्यकार भी होंगे तो वे अधिक निर्भीक और ईमानदार होंगे. एक रचनाकार की रचना प्रक्रिया में मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ रूप उपलब्ध होता है. दिविक रमेश ने रघुवीर सहाय, विष्णु नागर, मंगलेश डबराल, महादेवी वर्मा और मुक्तिबोध को याद करते हुए अमृता प्रीतम की एक कविता का पाठ किया.
आज मैंने
अपने घर का नम्बर मिटाया है
और गली का नाम हटाया है
और हर सड़क की
दिशा का नाम पोंछ दिया है
पर अगर आपको मुझे जरूर पाना है
तो हर देश के, हर शहर की
हर गली का द्वार खटखटाओ
यह एक शाप है, यह एक वर है
और जहां भी आजाद रूह की झलक पड़े
– समझना वह घर मेरा है.
इस अवसर पर सुशील भारती के द्वारा संपादित पेशे से पत्रकार 13 कवियों के कविता संकलन 'आग भी है और पानी भी' का लोकार्पण भी हुआ. संकलन में शामिल कवि हैं- सत्येंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, राणा यशवंत, अबतज़ खान, अंजलि गुप्ता, दीपक डोभाल, मनु पंवार, नविता, पंकज शर्मा, प्रभात कुमार, पयोधि शशि, श्वेता जया पांडे, सुशील भारती और रज़ाउल्लाह शाइक सिद्दीकी. इस मौके पर डॉ शिवानंद की पुस्तक 'संसार शिरोमणि कणाद' का भी लोकार्पण हुआ.
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