11 अक्तूबर: हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन 76 साल के हो गए. उनकी हिंदी फिल्मों ने भाषा की मजबूती को लेकर भले ही कोई बड़ा मानक स्थापित न किया हो, पर हिंदी की विश्वव्यापी लोकप्रियता में अपनी भूमिका जरूर निभाई है. आज अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर, जब समूचे फिल्म जगत की ओर से उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी जा रही है, हम हिंदी और किताबों से उनके लगाव की चर्चा करेंगे. अमिताभ बच्चन अपने जन्मदिन पर अन्य कामों के साथ किताबों को वक्त जरूर देते हैं. अमिताभ ने बचपन से ही घर में पढ़ाई-लिखाई का माहौल देखा. पिता हरिवंशराय बच्चन हिंदी के यशस्वी कवि थे, सो बचपन किताबों के बीच ही गुजरा. इस साल अमिताभ बच्चन की बेटी ने उन्हें फिर से किताब के बीच रहने का मौका भी मुहैया करा दिया. श्वेता बच्चन नंदा ने बड़ी इमारतों में रहने वाले लोगों की जीवन शैली और वे लोग किस तरीके से समाज को देखते हैं विषय पर 'पैराडाइज टावरनाम से एक किताब लिखी, मुंबई में जिसका विमोचन अमिताभ बच्चन, जया बच्चन और फिल्म निर्देशक करण जौहर ने किया. मुंबई के नेहरू सेंटर में अमिताभ बच्चन ने इस किताब के कुछ अंश भी पढ़े और श्वेता की लेखन शैली की प्रशंसा भी की. हालांकि यह किताब अंग्रेजी में है, पर बच्चन को उम्मीद है कि जल्द ही यह हिंदी में भी आएगी. वैसे भी बहु-सांस्कृतिक होने के चलते बच्चन परिवार में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का उपयोग होता है, पर अमिताभ को घर-बाहर दोनों जगह हिंदी बोलना पसंद है.    

हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ के लिए मशहूर अमिताभ बच्चन अपने टेलीविजन शो 'कौन बनगा करोड़पति' में भाग लेने वालों से बातचीत करते समय अमिताभ बच्चन अमूमन  शुद्ध हिंदी का उपयोग करते हैं. उनका मानना है कि 'कौन बनगा करोड़पतिकी भाषा हिंदी है. इसलिए मैं चाहता हूं कि जो भी प्रतिभागी इसे खेलने आए, वो हिंदी में बात करें. लेकिन, मैं ऐसा करने के लिए उन्हें मजबूर नहीं कर सकता. हालांकि इस सत्र की शुरुआत के समय यह खुलासा किया था कि, 'इन दिनों जब मुझे रोमन लिपी में लिखी हुई पटकथा मिलती है, तो मैं उसे वापस भेजकर देवनागरी लिपि में लिखने के लिए कहता हूं. यह ठीक है कि केबीसी शो की बात आती है, तो मैं किसी को मजबूर करने की कोशिश नहीं करता, लेकिन शो की भाषा हिंदी है, इसलिए मैं हिंदी में बोलता हूं. और अगर यह यंग जनरेशन को हिंदी में बोलने के लिए प्रेरित करता है, तो अच्छा है.' भारतीय भाषाओं के समर्थक अमिताभ यह उम्मीद करते हैं कि बॉलीवुड कलाकारों की नई पीढ़ी पश्चिमी होने की बजाय अपनी भाषा का अधिक इस्तेमाल करे.