नई दिल्लीः साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हिंदी की वरिष्ठ लेखिका चित्रा मुदगल ने सामयिक प्रकाशन से प्रकाशित लेखिका अंजू शर्मा के कहानी-संग्रह 'एक नींद हज़ार सपने' का लोकार्पण किया. इस अवसर पर वरिष्ठ  कहानीकार और आलोचक महेश दर्पण ने इस किताब और अंजू शर्मा की कहानियों पर विस्तार से बात करते हुए न केवल उनके लेखक बल्कि उनकी वैचारिकता पर भी बात की. उन्होंने अंजू शर्मा की कहानी 'मुस्तक़बिल' को विशेष रूप से रेखांकित किया. लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने अपनी शुभकामनाओं के साथ अंजू शर्मा के कृतित्व और व्यक्तित्व पर संक्षेप में अपनी बात रखी. कार्यक्रम की अध्यक्ष चित्रा मुदगल ने अंजू शर्मा के लेखन पर बात करते हुए उन्हें नई संग्रह के लिए शुभकामनाएं दीं. 

अंजू शर्मा के इस कहानी संग्रह में कुल 14 कहानियां है. ये कहानियां पिछले कई वर्षों से प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं. सुंदर कथा शिल्प और अलग-अलग पृष्ठभूमि और भाषाई प्रयोगों के माध्यम से लिखी गईं इन सभी कहानियों में अपने समय की अनुगूंज है और इनमें से अधिकांश उपेक्षित पिछड़े वर्ग के लोगों की बात रख पाने में सक्षम हैं. इस अवसर पर हिंदी के बहुत से साहित्यकार उपस्थित थे. प्रकाशक महेश भारद्वाज के अलावा साहित्यकार सुभाष नीरव, जितेंद्र श्रीवास्तव, राकेश तिवारी, बलराम अग्रवाल, सुधांशु गुप्त, पुष्पा गुप्ता, बलजीत सिंह रैना,   विवेक मिश्रा, राजीव तनेजा, योगिता यादव, सुनील श्रीवास्तव, बहादुर पटेल, वसंत सकरगाय,दीपक मिश्रा, अनिल अनलहातू, सपना सिंह, नीलिमा शर्मा, शोभा रस्तोगी, शोभना श्याम, श्रुति अग्रवाल, रमा भारती, डॉ नीरज शर्मा, वंदना वाजपेयी, सतीश खनगवाल, हेमलता यादव, भावना मसीवाल, कुमकुम वर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.