नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन के स्टाल जलसाघर पर लेखिका अचला नागर के नए उपन्यास 'मंगला से शयन तक' का लोकार्पण हुआ. लोकार्पण युनूस खान, रमाशंकर द्विवेदी, महेश कटारे एवं राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी द्वारा किया गया. अचला नागर के इस उपन्यास में वर्तमान और देश के विभाजन उपरांत के दो ट्रैक एक साथ चलते हैं. लेखिका कहती हैं 'जिंदगी को आसान कर देने वाला ये फ़लसफ़ा ही मंगला से शयन तक का मुख्य आधार है.' इसके अलावा कथाकार महेश कटारे द्वारा भर्तृहरि के जीवन पर लिखे गए उपन्यास 'भर्तृहरि काया के वन में' का लोकार्पण संपादक और कथाकार अखिलेश एवं अशोक महेश्वरी द्वारा किया गया. लेखक महेश कटारे ने किताब के बारे बताते हुए कहा यह उपन्यास पाठकों को कथा के आनंद के साथसाथ इतिहास के ज्ञान का संतोष भी देगा.

विश्व पुस्तक मेले में हर दिन काफी संख्या में पुस्तक प्रेमी पहुंच रहे हैं. दिल्ली में ठंड एवं कार्य दिवस के बावजूद पुस्तक प्रेमियों के उत्साह में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही. मेले में पहुंच रही पुस्तक प्रेमियों की भीड़ देखकर लेखक और प्रकाशक काफी उत्साहित हैं. लेखक से मिलिए सत्र में संपादक और कथाकार अखिलेश से प्रभात रंजन ने उनके उपन्यास निर्वासन, वह जो यथार्थ था एवं अंधेरा पर बातचीत की साथ ही पुस्तकों से अंशपाठ भी क्या गया. लेखक अखिलेश ने कहा निर्वासन में मेरे सुल्तानपुर के दौर का अनुभव पढ़ने को मिलता है.  इस उपन्यास को लिखते वक्त मेरे दिमाग में यही था कि बदलते हुए देश और समाज को केंद्र में रखा जाय, लिखा जाय. वहीं 'वह जो यथार्थ था' उपन्यास अपने यथार्थ में बचपन की जीने-रचने की एक अद्वितीय कहानी है.